Maha Kumbh में एआई तकनीक से रहेगी आतंकियों-अपराधियों पर नजर
महाकुंभ मेले में प्रवेश करने वाले खालिस्तानी और मोस्ट वांटेड अपराधियों को लेकर मेला पुलिस ने जो खाका खींचा है उसके अनुसार मेले में आने वाले खालिस्तानी और मोस्ट वांटेड अपराधियों का चेहरा देखते ही सायरन बजेगा।
लखनऊ। कनाडा में बैठकर हिन्दुस्तान के खिलाफ साजिश रचने वाले खालिस्तानी आतंकी पन्नू की महाकुंभ को लेकर दी गई धमकी के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पन्नू ने धमकी दी है कि यूपी के पीलीभीत में मारे गये चार खालिस्तानी आतंकियों की मौत का बदला महाकुंभ में आतंक फैलाकर लिया जायेगा। ऐसे में मेला पुलिस अब खालिस्तानी और मोस्ट वांटेड एक सूची तैयार कर रही है। मेला पुलिस ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान,उत्तराखंड, मध्य प्रदेश समेत देश के अलग-अलग शहरों की खुफिया और पुलिस महकमे से खालिस्तानी और टॉप अपराधियों की सूची मांगी है।सूची मिलते ही इन सभी की फोटो को फेशियल रिकग्निशन सिस्टम में अपलोड कर दिया जाएगा।
महाकुंभ मेले में प्रवेश करने वाले खालिस्तानी और मोस्ट वांटेड अपराधियों को लेकर मेला पुलिस ने जो खाका खींचा है उसके अनुसार मेले में आने वाले खालिस्तानी और मोस्ट वांटेड अपराधियों का चेहरा देखते ही सायरन बजेगा। जिससे सक्रिय होकर पुलिस अपराधियों को धर दबोचेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम में इन सभी की फोटो को अपलोड किया जाएगा। जैसे ही एआई आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम के लगे कैमरों के सामने से कोई गुजरेगा तो अपलोड की गई फोटो से अपराधियों की पहचान कर पुलिस कंट्रोल रूम में नोटिफिकेशन के साथ ही इसका सायरन बजने लगेगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मेला में सुरक्षा व्यवस्था बनी रहेगी।
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पुलिस अफसरों ने बताया कि देश-विदेश के विभिन्न शहरों के रहने वाले अपराधी कई बार पुलिस से बचने के लिए अपना शहर छोड़ देते हैं। दूसरे शहरों में पनाह लेने के बाद उनको लगता है कि पुलिस उनकी गिरफ्तारी नहीं कर पाएगी। मेला सुरक्षा के लिए यूपी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से मांगे गए सूची में से करीब 300 से अधिक मोस्ट वांटेड अपराधियों के चेहरे को अपलोड करने की संभावना है। फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (चेहरा पहचान प्रणाली) पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित रहेगी। इसके तहत एक विशेष सॉफ्टवेयर चिन्हित चेहरों को मिलान करता है। किसी व्यक्ति की फोटो सिस्टम में अपलोड किया जाता है तो जैसे ही वह चेहरा कैमरे के सामने आता है तो सिस्टम उसे भीड़ से भी पहचान लेगा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेला राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर उक्त कदम उठाया गया है। ऐसा करने से अपराधियों में खौफ तो रहेगा। साथ ही पुलिस की कई टीमें कैमरों के सामने बैठकर संदिग्धों की निगरानी भी करेगी। आतंकी और अपराधी किसी भी सूरत में बच नहीं पायें इसके लिये महाकुंभ मेले के दौरान वाहन में सवार होकर भी अपराधी तंबुओं की नगरी में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। क्षेत्र और शहर में आने वाले वाहनों की निगरानी के लिए पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और आटो मैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए जा रहा है। इन कैमरों के जरिए जिले में प्रवेश करने वाले वाहनों और उसमें बैठे लोगों पर नजर रखी जाएगी।
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