फिर मेडल की बौछार, पैरा में भी 100 पार : अनुराग ठाकुर
इससे पहले भारत ने 2010 के खेल संस्करण में 14 पदक, 2014 में 33 और 2018 में 72 पदक जीते थे। खेलों की शुरुआत के बाद से यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जहां भारत समग्र पदक तालिका में 5वें स्थान पर था।
भारतीय पैरा-एथलीटों ने पैरा एशियाई खेलों में 29 स्वर्ण पदक सहित 111 पदक जीत कर इतिहास रच दिया है। यह अब तक का भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
इससे पहले भारत ने 2010 के खेल संस्करण में 14 पदक, 2014 में 33 और 2018 में 72 पदक जीते थे। खेलों की शुरुआत के बाद से यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जहां भारत समग्र पदक तालिका में 5वें स्थान पर था।
गौरतलब हो की भारत ने इस वर्ष अपना सबसे बड़ा दल भेजा था जिसमें 303 एथलीट (191 पुरुष और 112 महिला) शामिल थीं। 111 पदकों में से महिला एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने नाम 40 पदक किए जो पदक तालिका का 36% रहा।
भारत के इस रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन से बेहद प्रसन्न केंद्रीय युवा और खेल मामलों के मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, "यह प्रदर्शन हमारे एथलीटों की कड़ी मेहनत और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में खेलों में युपरिवर्तनकारी नीतियों का प्रतिफल है। चाहे वह जमीनी स्तर पर खेलो इंडिया योजना हो या विशिष्ट एथलीटों के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना, इन योजनाओं के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को लगातार जो समर्थन मिल रहा है उसी के परिणाम आज दिख रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "आपको यह जानकर खुशी होगी कि इन खेलों में 8 खेलो इंडिया एथलीटों और 46 TOPS एथलीटों ने भाग लिया था।इन्होंने इन खेलों में 111 में से कुल 38 पदक जीते हैं।
श्री ठाकुर ने आगे कहा, "मोदी जी के नेतृत्व में हमने 2014 की तुलना में खेल बजट को 3 गुना किया। आज हम अपने सभी एथलीटों को बेहतर समर्थन और सुविधाएं दे रहे हैं, चाहे वह कोचों के मामले में हो, प्रशिक्षण, विदेशी प्रदर्शन, आहार या बुनियादी ढाँचा हो।"
उन्होंने कहा, "हाल ही में संपन्न एशियाई खेलों के साथ-साथ इन पैरा एशियाई खेलों और पिछले ओलंपिक, पैरालंपिक, सीडब्ल्यूजी, डेफ्लंपिक्स में एथलीटों का शानदार प्रदर्शन दिखाता है कि खेलों में भारत की शक्ति बढ़ रही है। और जैसा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने हाल के आईओसी बैठक में कहा है कि आज भारत न सिर्फ अच्छा प्रदर्शन कर रहा है बल्कि बड़े आयोजनों की मेजबानी के लिए भी तैयार हो रहा है। चाहे वह 2030 में युवा ओलंपिक हो या 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, भारत अब विश्व पटल पर एक खेल महाशक्ति बनकर उभरने हेतु तैयार है।"
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