अभिषेक मनु सिंघवी के ट्वीट से Congress का किनारा, Caste Census पर अपना स्टैंड किया साफ

Jairam ramesh
ANI
अंकित सिंह । Oct 3 2023 6:46PM

जयराम रमेश ने कहा कि डॉ. सिंघवी का ट्वीट उनके निजी विचार का प्रतिबिंब हो सकता है, लेकिन यह किसी भी तरह से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता है - जिसका सार 26 फरवरी, 2023 को रायपुर घोषणा और 16 सितंबर 2023 को सीडब्ल्यूसी संकल्प दोनों में निहित है।

बिहार में जाति आधारित जनगणना की घोषणा के बाद जितनी आबादी, उतना हक वाली टिप्पणी पर चल रही बहस के बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को लोगों को जनसंख्या के आधार पर अधिकार प्रदान करने के परिणामों से अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि यह 'बहुसंख्यकवाद' को बढ़ावा देगा। विशेष रूप से, यह राहुल गांधी ही थे जिन्होंने इस नारे की वकालत की थी। सिंघवी की राय पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी का पोस्ट उनका निजी विचार है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को नहीं दर्शाता है।

इसे भी पढ़ें: 'बिहार सबसे गरीब और बीमारू राज्य', Caste Census पर बोले भाजपा सांसद- इसे कराने वालों ने 35 वर्षों तक किया शासन

जयराम रमेश ने कहा कि डॉ. सिंघवी का ट्वीट उनके निजी विचार का प्रतिबिंब हो सकता है, लेकिन यह किसी भी तरह से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता है - जिसका सार 26 फरवरी, 2023 को रायपुर घोषणा और 16 सितंबर 2023 को सीडब्ल्यूसी संकल्प दोनों में निहित है। वहीं, कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमारी पार्टी का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। यह कोई व्यक्तिगत स्टैंड नहीं है। इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही बयान दे चुके हैं...हम जाति जनगणना के पक्ष में हैं। 

इसे भी पढ़ें: जनसंख्या आधारित अधिकारों का समर्थन करने वालों को अभिषेक मनु सिंघवी ने चेताया, बोले- बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा मिलेगा

सलमान खुर्शीद ने कहा कि सिर्फ जातिगत जनगणना करने से सबकुछ स्वयं तो नहीं हो जाएगा। उसके बाद कुछ बातचीत करनी पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी ने अभी इसपर कुछ नहीं कहा है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि पहले जातिगत जनगणना करवाओ, जमीनी वास्तविकता बताओ, आगे फिर देखेंगे। काम किया नहीं है और छलांग मारकर आगे चले जाएं तो वह सही नहीं है। सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया कि जनसंख्या के आधार पर अधिकारों की वकालत करने वालों को इसके परिणामों को समझना चाहिए क्योंकि इससे 'बहुसंख्यकवाद' को बढ़ावा मिलेगा। बाद में अभिषेक सिंघवी कहते हैं, "मैंने कोई अलग रुख नहीं अपनाया। हमने इसका समर्थन किया है और हम इसका समर्थन करना जारी रखेंगे। सभी न्यायालय जो आदेश आए हैं उनमें कहा गया है कि तथ्यों के आधार पर निर्णय लेना है। जब तथ्य ही नहीं होंगे तो कैसे होगा? इसलिए तथ्यों के लिए जाति जनगणना होना जरूरी है।"

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़