हरियाणा चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरी आप पार्टी, जानिए क्या कहता है इतिहास
सियासी जानकारों के मुताबिक भले ही आप पार्टी पूरी ताकत के साथ हरियाणा विधानसभा चुनावों में उतर चुकी है। लेकिन अभी भी वह कांग्रेस और भाजपा से काफी पीछे है। हरियाणा चुनाव में आप पार्टी की दावेदारी ने कई सीटों पर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनावों में सीट को लेकर बात न बन पाने पर आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरी है। आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली, दूसरी और तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। बता दें कि हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर आप पार्टी ने 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में अकेले उतरने से क्या अन्य राजनीतिक पार्टियों के लिए खतरे की घंटी है।
हरियाणा में त्रिकोणीय मुकाबला
सियासी जानकारों के मुताबिक भले ही आप पार्टी पूरी ताकत के साथ हरियाणा विधानसभा चुनावों में उतर चुकी है। लेकिन अभी भी वह कांग्रेस और भाजपा से काफी पीछे है। हरियाणा की अधिकतर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना है। वहीं जननायक जनता पार्टी जैसे अन्य छोटे दल भी कुछ हद तक असर रखते हैं। लेकिन हरियाणा चुनाव में आप पार्टी की दावेदारी ने कई सीटों पर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
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हरियाणा में आप आदमी पार्टी
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पूरे जोश के साथ उतर चुकी है। पड़ोसी राज्य पंजाब में सरकार बनाने के बाद से ही आप पार्टी के हौसले बुलंद हैं। वहीं आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के बाद उनकी वाइफ सुनीता केजरीवाल के नेतृत्व में आप पार्टी के अन्य नेताओं के साथ चुनाव प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं। ऐसे में राजनीतिक एक्टपर्ट की मानें, तो आप पार्टी के प्रचार अभियान में जितनी गति मिलेगी, उतना ही कांग्रेस को नुकसान होगा। भले ही आप इन चुनावों में कोई बड़ा लाभ न ले सके, लेकिन वह कांग्रेस की संभावनाओं को जरूर नुकसान पहुंचा सकती है।
AAP Vs कांग्रेस का इतिहास
ल्ली से लेकर पंजाब और गोवा से लेकर गुजरात तक में हुए हर चुनाव में आप पार्टी ने कांग्रेस की जमीन पर अपने पांव जमाएं। दिल्ली से लेकर पंजाब तक में आप पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ कर फेक दिया था। वहीं गुजरात और गोवा में भी आप पार्टी ने कांग्रेस को बुरी तरह से पछाड़ा था। इन सभी राज्यों में आप पार्टी की वजह से भाजपा की संभावनाओं पर या तो कोई असर नहीं हुआ या फिर जबरदस्त फायदा हुआ। कांग्रेस का वोट बैंक काफी हद तक आप पार्टी के खाते में चला गया।
क्या दोहराया जाएगा इतिहास
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हरियाणा में कांग्रेस और आप पार्टी के बीच मुकाबले का इतिहास फिर से दोहराया जाएगा। राजनीतिक एक्सपर्ट की मानें, तो हरियाणा में आप पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ती है। ऐसे में यह कांग्रेस के लिए नुकसान का मामला हो सकता है। इससे पहले गुजरात और गोवा में देखा जा चुका है, भले ही इन राज्यों में आप ज्यादा विधानसीटें न मिली हों। लेकिन सबसे ज्यादा सेंध कांग्रेस के वोट बैंक में लगी थी।
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