Muslims On Modi: चुपचाप 76 % मुसलमानों ने किसे वोट कर दिया खटाखट-खटाखट, NDA या INDIA क्या कहता है Exit Poll का अनुमान
भाजपा ने अपने 2024 के लोकसभा अभियान में मुसलमानों को एक बड़ा हिस्सा बनाया। पार्टी के विभिन्न नेताओं और यहां तक कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समुदाय के बारे में विवादास्पद बयान दिए। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए भारी जीत का अनुमान लगाया है। लेकिन एग्जिट पोल भगवा पक्ष के लिए मुस्लिम वोटों में गिरावट दिखाया है।
देश में हुए 11 एग्जिट पोल ने बताया है कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं। आंकड़े सब के अलग-अलग हैं। लेकिन लगभग सभी का मानना है कि एनडीए को बहुमत मिल रहा है। तीन एग्जिट पोल ने तो यहां तक बताया है कि इस बार एनडीए 400 पार है। लेकिन इसी बीच कुछ एग्जिट पोल्स ने मुस्लिम वोटर्स को लेकर चौंकाने वाले दावे किए हैं। एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया है कि इस बार मुस्लिम वोटर्स बड़ी संख्या में इंडी गठबंधन को वोट डालकर आ गए हैं। इस बार एनडीए को मिलने वाले मुस्लिम वोट 9 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत पर आ गए हैं। जबकि इंडिया ब्लॉक को वोट डालने वाले मुस्लिम वोटर्स की संख्या बढ़कर 52 प्रतिशत से बड़कर 72 या 76 प्रतिशत हो सकती है। मजे की बात देखिए कि मोदी सरकार की मुफ्त आवास योजना, उज्जवला योजना, अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप योजना, पांच लाख तक की मुफ्त इलाज वाली आयुष्मान भारत योजना का मुसलमानों को जबरदस्त फायदा मिला। लेकिन फिर भी मुस्लिम वोटर्स इंडिया गठबंधन की तरफ चले गए।
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भाजपा ने अपने 2024 के लोकसभा अभियान में मुसलमानों को एक बड़ा हिस्सा बनाया। पार्टी के विभिन्न नेताओं और यहां तक कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समुदाय के बारे में विवादास्पद बयान दिए। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए भारी जीत का अनुमान लगाया है। लेकिन एग्जिट पोल भगवा पक्ष के लिए मुस्लिम वोटों में गिरावट दिखाया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को लगभग नौ फीसदी मुस्लिम वोट ही मिले थे। 2024 के चुनाव में यह घटकर महज छह फीसदी रह जाने का अनुमान है। एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार इंडिया ब्लॉक को उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त 38 फीसदी मुस्लिम वोट मिलेंगे, इसमें से ज्यादातर (34 फीसदी) वोट बहुजन समाज पार्टी की कीमत पर मिलेंगे। बसपा ने यूपी में एक अलग हितधारक के रूप में चुनाव लड़ा और यहां तक कि मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा। हालाँकि, ऐसा प्रतीत होता है कि यह मायावती की पार्टी के लिए काम नहीं आया।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडिया गठबंधन के वादे मोदी सरकार की योजनाओं पर भारी पड़ गए। इंडिया गठबंधन के तीन वादे मुस्लिम वोटर्स को उनकी तरफ ले गए हैं। पहला फटाफट पैसा, दूसरा अल्पसंख्यकों के व्यक्तिगत कानून की रक्षा करना, तीसरा वो वादा जिसमें इंडिया गठबंधन ने कहा था कि भारत में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। यानी मुस्लिम वोटर्स को मूलभूत योजनाएं मोदी सरकार से मिली। लेकिन उसे इस बार इंडिया गठबंधन पसंद आ गया है। कई सोशल मडिया यूजर्स की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया भी सामने आई। कहा गया कि मुस्लिम वोटर्स ने मोदी की योजनाओं से फायदा तो भरपूर लिया, लेकिन वोट इंडिया गठबंधन को कर दिया। यही तो वोट जिहाद है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम खान को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में चुनाव प्रचार के दौरान वोट जिहाद का आह्वान करते देखा गया था।
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