असली केदारनाथ धाम vs नकली केदारनाथ धाम, शंकराचार्य के सवाल, उत्तराखंड से दिल्ली तक बवाल

Shankaracharya
ANI
अभिनय आकाश । Jul 16 2024 2:34PM

दिल्ली में केदारनाथ बनाने और हिमालय की गोद में बसे केदारनाथ मंदिर में घोटाले का विवाद क्या है और अब इस सब पर सरकार का क्या कहना है। एक-एक कर हर चीज विस्तार से समझते हैं।

"नक्कालों से सावधान, हमारी अन्य कोई शाखा नहीं है" पहले इस तरह के प्रचार सिर्फ़ नक़ली प्रॉडक्ट से बचने के लिए निकलता था। अब समय बहुत बदल गया है। लेकिन क्या हो जब बदलते वक्त के साथ आस्था के नाम पर भी डुप्लीकेसी होने लगे। उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर है ये तो आप सभी को पता है। अब ठीक वैसा ही केदारनाथ मंदिर दिल्ली में बनाने की तैयारी हो रही है। केदारनाथ का डुप्लीकेट बनाए जाने से साधु-संत और शंकराचार्य नाराज है। अब तो आंदोलन की धमकी तक दी जाने लगी है। दिल्ली में केदारनाथ बनाने और हिमालय की गोद में बसे केदारनाथ मंदिर में घोटाले का विवाद क्या है और अब इस सब पर सरकार का क्या कहना है। एक-एक कर हर चीज विस्तार से समझते हैं। 

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केदारनाथ पर बवाल क्यों?

ऊंची पहाड़ियों के बीच में बसा है भगवान भोलेनाथ का पवित्र केदारनाथ धाम। ये भव्य मंदिर उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में है। केदारनाथ से मिलता-जुलता मंदिर देश की राजधानी दिल्ली में भी बनाने की तैयारी हो रही है। मंदिर का मॉडल देखने में बिल्कुल केदारनाथ मंदिर जैसा ही है। मंदिर का डिजाइन और रंग भी उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के तरह का ही होगा। मजे की बात ये है कि इस मंदिर का नाम भी केदारनाथ धाम रखने का प्रस्ताव है। इसे दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बनाया जा रहा है। डुप्लीकेट केदारनाथ धाम का भूमि पूजन भी हो चुका है। 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा, कई सांसद और साधु संतों की मौजूदगी में बुराड़ी स्थित मंदिर का भूमि पूजन किया गया है। 

शिलान्यास कर फंस गए धामी? 

दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर को लेकर उत्तराखंड में गुस्सा है। उत्तराखंड में केदारनाथ धाम मंदिर के बाहर मंदिर के पुजारी, स्थानीय लोग और व्यपारी दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाए जाने के विरोध में हैं। ये शायद पहला ऐसा मौका होगा जब केदारनाथ में इस तरह की नारेबाजी देखने को मिली है। केदारनाथ के पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली में केदारनाथ धाम का निर्माण नहीं रूका तो पूरी केदारघाटी में आंदोलन होगा। दिल्ली में केदारनाथ जैसा मंदिर बनाए जाने पर शंकराचार्य भी गुस्से में है। दिल्ली में भूमि पूजन में शामिल होने के बाद से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निशाने पर हैं। अब उन्होंने सफाई दी है कि केदारनाथ जैसा मंदिर बनने से केदारनाथ धाम की आस्था कम नहीं होगी। 

228 किलो सोना गायब होने का मामला क्या है? 

जो केदारनाथ अपने इतिहास, पौराणिक कथाओं, ऊंचे पर्वतों से गूंजती मंदिर की घंटियों के लिए जाना जाता था। इन दिनों वहीं से विरोध प्रदर्शन की आवाज आ रही है। इस विरोध में आम लोग ही नहीं बल्कि मंदिर के पुरोहित और पुजारी भी शामिल हैं। अभी ये शोर थमा भी नहीं था कि ज्योति मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की भी नाराजगी सामने आ गई। उन्होंने केदारनाथ मंदिर में सोना घोटाला का आरोप लगाते हुए कहा कि मीडिया ये क्यों नहीं दिखा रहा है। केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता? वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ का निर्माण होगा और फिर एक और घोटाला होगा। केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है। कोई जांच शुरू नहीं हुई। इसका जिम्मेदार कौन है? 

बीकेटीसी ने आरोपों पर क्या कहा

शंकराचार्य जिस सोना घोटाले का जिक्र कर रहे हैं वो मामला जून 2023 में चर्चा में आया था। केदारनाथ मंदिर के वरिष्ठ पुजारी संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर 125 करोड़ रुपए का सोना मढ़वाया गया था। किसी दानदार ने ये सोना दान किया था। सन 2005 में ये मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया था। लेकिन अब वो सोना पीतल में बदल गया। उन्होंने श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अधिकारियों पर इसका आरोप लगाया। वहीं बीकेटीसी ने इन आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना था कि ये मंदिर प्रबंधन को बदनाम करने की साजिश है। इसमें शामिल लोगों के खिलाफ लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। 

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ट्रस्ट का क्या कहना है?

दिल्ली के बुराड़ी में तीन एकड़ में केदारनाथ धाम मंदिर बनाया जाना है। इसके लिए बकायदा एक ट्रस्ट भी बनाया गया है। ट्रस्ट का दावा है कि देश में पहले से केदारनाथ और बद्रीनाथ से मिलते जुलते मंदिर बने हुए हैं। इंदौर में केदारनाथ से मिलता जुलता पंडाल बनाया गया था। लेकिन वो अस्थाई था। वहीं मुंबई में बद्रीनाथ मंदिर के तर्ज पर एक मंदिर बनाया गया है। लेकिन ये पंडाल नहीं बल्कि एक मंदिर है। ट्रस्ट का दावा है कि देश में जब पहले से ही केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर जैसे मिलते जुलते मंदिर है तो दिल्ली वाले मंदिर को लेकर आपत्ति क्यों है? ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला का कहना है कि दिल्ली में बनने वाला केदारनाथ मंदिर एक मंदिर है, कोई धाम नहीं है। उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मंदिर के भूमि पूजन के लिए हमारे अनुरोध पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आए। मंदिर ट्रस्टियों के सहयोग से बनाया गया है और उनमें से कई उत्तराखंड के हैं। 

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