बारिश की वजह से (व्यंग्य)

rain
Creative Commons licenses

ज्यादा बारिश के कारण हुई पानी की कमी के कारण अब फिल्म देखने के दौरान खरीदे जाने वाले पीने के पानी की दरें कुछ बढ़ सकती हैं। बारिश आने के कारण सक्रिय एनजीओज़ की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है, अब उन्हें ‘बारिश का पानी कैसे बचाएं’ जैसे ज्वलंत विषय पर चर्चाएं करवानी होंगी।

नई सरकार की नई उड़ानों के साथ, सेंसेक्स नए आसमान बदलता रहता है उधर गर्मी ने ज़मीन पर नए बुखार ईजाद कर दिए हैं। कुछ मिनट की बारिश ने नावों का कारोबार शुरू करा दिया है। डिमांड और सप्लाई के मद्देनज़र शुद्ध मिनरल पानी बनाने वाली कंपनियों ने बारिश का पानी इक्कट्ठा करना शुरू कर दिया है ताकि कोई प्यासा न बचे। प्रसिद्ध ब्रांड के मिनरल वाटर, एक्वा गार्ड व आरओ सिस्टम बनाने वाली कंपनी ने नाटक करने व करवाने का पूरा खर्चा उठाने का नैतिक निर्णय लिया हुआ है। स्थानीय कलाकार बढ़ती गर्मी में झुलसने के बावजूद आम लोगों को पानी की कमी बारे जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक ‘पानी कहां गया रे’ की रिहर्सल कर रहे थे जो कुछ दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।

ज्यादा बारिश के कारण हुई पानी की कमी के कारण अब फिल्म देखने के दौरान खरीदे जाने वाले पीने के पानी की दरें कुछ बढ़ सकती हैं। बारिश आने के कारण सक्रिय एनजीओज़ की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है, अब उन्हें ‘बारिश का पानी कैसे बचाएं’ जैसे ज्वलंत विषय पर चर्चाएं करवानी होंगी और नेताजी को मुख्य अतिथि बनाना होगा ताकि कुछ लोग ज़रूर आ जाएं। ‘पानी की कमी’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता में विद्यार्थी पुरस्कार जीत सकते थे, लेकिन वक़्त की ज़रूरत के अनुसार उन्हें तरह तरह का डांस करना सिखाया जा रहा है ताकि वे शीघ्र किसी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पुरस्कार जीतें। 

इसे भी पढ़ें: करेले का जूस (व्यंग्य)

बेहद प्रशंसनीय यह है कि इस बार यह नृत्य कार्यक्रम अब बारिश को समर्पित किया जा रहा है। शायद इस संबंध में वन विभाग वाले भी कुछ ठोस करने की सोच रहे होंगे। वह शीघ्र ही मंत्रीजी से समय लेकर इस बार अग्रिम वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित करेंगे और कागजों में लाखों वृक्ष लगवाकर छोड़ेंगे। उधर कुछ धार्मिक संस्थाओं ने ज़ोरशोर से हवन करना शुरू कर दिया है ताकि ऐसी बारिश दोबारा न हो। उन्हें पता है इंसान ने विकास के लिए पेड़ काटकर, बड़ी ज़िम्मेदारी निभा दी है तभी मौसम बिगड़ चुका है और अब तो वरुणदेव ही बारिश रोक सकते हैं । 

चीन भी नकली बारिश करवा सकता है तो रुकवा भी सकता है। समझदार सरकार एक आयोग गठित कर सकती है जो गरमी, बारिश और सूखे से जुड़े अनेक ज्वलंत मुद्दों पर अनुसंधान की दीर्घकालीन योजना आरंभ करे। इन मुद्दों में विकास की धारणा बदले बिना प्रकृति की रक्षा, कार्बन डायकसाइड कम किए बिना ग्लोबल वार्मिंग कम करने में मानवीय योगदान, समुद्र का पानी बिना साफ किए आम जनता के लिए पीने लायक बनाना जैसे ज्वलंत विषय शामिल किए जा सकते हैं। बारिश अब एक असामयिक उपहार है उन्हें जब न चाहे मिल सकता है।

- संतोष उत्सुक

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़