संकल्प लेने का उम्दा फार्मूला (व्यंग्य)
ज़िंदगी को सहज बनाने के फार्मूले की मार्किटिंग करने वाले विचारक, संकल्प लेने के नए, सहज फॉर्मेट पकाते रहते हैं ताकि संकल्प धारण करने वाले सज्जन व्यक्ति को किसी भी तरह का भार महसूस न हो।
अभी तो नया साल शुरू ही हुआ है। भारतीय परम्परा अनुसार, रोजाना कुछ लाख लोग संकल्प ले रहे होंगे। संकल्प लेकर काम करने से लगता है आधे से ज़्यादा काम निबट गया। कुछ लोगों को लगता है पूरा ही निबट गया। हमारा नया साल जनवरी में शुरू नहीं होता लेकिन दिसंबर में ही नया साल मनाने के कीड़े दिमाग में कुलबुलाने लगते हैं। कुछ कीड़े, घिसे पिटे पर्यटक स्थलों के आस पास ट्रैफिक जाम में घंटों फंसा कर रखते हैं। कुछ अच्छे लोग अपने पुराने संकल्प ही ढोते रहते हैं। समझदार लोगों को अब समझ में आया कि विदेशी नया साल, भारतीय संस्कृति का हिस्सा बिल्कुल नहीं है लेकिन कितनी ही विदेशी वस्तुएं, छोटे आकार के कपड़े, महंगी और बढ़िया मदिरा, कई रंग की फ़िल्में सिर्फ एक बार मिलने वाली ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं।
ज़िंदगी को सहज बनाने के फार्मूले की मार्किटिंग करने वाले विचारक, संकल्प लेने के नए, सहज फॉर्मेट पकाते रहते हैं ताकि संकल्प धारण करने वाले सज्जन व्यक्ति को किसी भी तरह का भार महसूस न हो। अक्सर हो जाता है कि रिवायत की ठंडी नदी में नहाते हुए दिखाने के लिए भारी भरकम संकल्प ले लिए जाते हैं जो दो तीन महीने या दो तीन हफ्ते या दो तीन दिन या दो तीन घंटों में ही बह जाते हैं। बस इसी जगह पर संकल्प विशेषज्ञ का प्रवेश होता है। विशेषज्ञजी कहते हैं कि सबसे जरूरी संकल्प वायदे इरादे वो होते हैं जो खुद से किए जाते हैं। दूसरों को सुधारने या समाज सेवा से सम्बंधित संकल्प न लिया जाए।
सिर्फ निजी सेवा का निश्चय करें। संकल्प हल्के फुल्के होने चाहिए, जैसे मदिरा के रोज़ तीन पैग लेने की बजाए दो पैग लेने का संकल्प लें। कॉफ़ी के चार कप पीते हैं तो एक छोड़ देने का संकल्प लें या तीनों पैग्स में विह्स्की या वाइन की मात्रा कम करने का संकल्प लें और चारों कप में कॉफ़ी कम करने का। मनचाहे कार्य के लिए संकल्प, जनवरी के महीने में किसी भी क्षण ले सकते हैं।
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ज़िंदगी में भूलने की प्रवृति बढ़ने के मद्देनज़र सामयिक सलाह है, एक वह्ट्सएप ग्रुप बनाएं जिसके सदस्य सिर्फ आप हों। उसमें योजनाओं, विचारों, संकल्पों को नियमित दर्ज करते रहें। किसी ख़ास बंदे को बताएं जो आपको याद दिलाता रहे और उसको आपके प्रति ज़िम्मेदारी निभाने का अवसर मिले। आपको ज़िम्मेदारी का एहसास रहे। इससे आपसी समझदारी व ज़िम्मेदारी का माहौल बनेगा। सुबह उठकर और रात को सोते हुए संकल्प दोहराएं और दूसरे काम छोड़ दें। संकल्पित कार्य रोज़ नहीं कर सकते तो सप्ताह में किसी भी दिन करें।
ज़्यादा परेशानी हो रही हो तो तत्काल स्पष्ट संकल्प लें कि पुराने और नए सारे संकल्प खलास और सिर्फ एक बार मिलने वाली ज़िंदगी खुलकर जीना शुरू। किसी भी संकल्प बारे सोचने से मानसिक, सामाजिक, धार्मिक राजनीतिक या आर्थिक तनाव तनिक भी नहीं चाहिए, तो लीजिए संकल्प रहित जीवन हेतु शुभ कामनाएं।
- संतोष उत्सुक
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