Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि पर लग रहा है भद्रा का साया, जाने जलाभिषेक करने का सही समय

महाशिवरात्रि पर्व के लिए अब ज्यादा दिन बचे नहीं है। महाशिवरात्रि पर शिवभक्त भगवान शंकर का व्रत रखते हैं और विधिवत रुप से पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि रुद्राभिषेक से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस पर महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया रहने वाला है, आइए आपको बताते हैं कब जलाभिषेक करें।
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन जलाभिषेक के साथ दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक व पूजन विधि समस्त भक्तों के लिए अत्यंत शुभ फल देने व कल्याण करने वाला होगा। ज्योतिष के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया लगने वाला है, तो ऐसे में आपको पता होना चाहिए किस समय शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
महाशिवरात्रि पर किस समय जलाभिषेक करें
इस बार महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया रहने वाला है। इसलिए फरवरी यानी महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को सबुह 11 बजकर 03 मिनट से रात 10 बजकर 17 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भद्रा के समय कुछ कार्य करने की मनाही होती है। हालांकि, भगवान शिव की पूजा आदि में भद्रा नहीं देखी जाती है। इस बार महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट से लेकर श्रवण नक्षत्र के साथ शुरु होकर सांयकाल 5 बजकर 23 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र लगने के बाद 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक सुबह 11 बजकर 8 मिनट से शत्रुनाशक परिघ योग व शुभ की चौघड़िया में कर सकते हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार महाशिवरात्रि निशीथकालीन पर्व है। इस दिन प्रदोषकाल में ही भगवान शिव का पूजन करना चाहिए।
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