Akshay Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर इस बार नहीं होगी शादियां, जानें इसके पीछे की वजह

वैसे तो अक्षय का अर्थ होता है कि कभी भी खत्म न होने वाला, ऐसे में अगर आप अक्षय तृतीया के दिन पूजा-आराधना, यज्ञ पितृ-तर्पण दान-पुण्य आदि जैसे कार्य करना काफी शुभ होता है, इससे जीवन भर पुण्य बना रहता है।
अक्षय तृतीया का पर्व हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक वर्ष वैशाख की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया मनाई जाती है, जो एक शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन अबूझ मुहूर्त भी है। जिसका मतलब है कि इस तिथि पर बिना शुभ मुहूर्त देखें भी विवाह किया जा सकता है। हालांकि, इस बार अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे। इसके पीछे क्या कारण है आपको बताते हैं।
कब है अक्षय तृतीया
वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि 30 अप्रैल को शाम 05 बजकर 29 मिनट पर शुरु होगी। इसका समापन 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, बुधवार 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त - प्रात: 05 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है।
क्यों नहीं होंगे विवाह
इस बार अक्षय तृतीया पर जातक विवाह नहीं कर सकेंगे, क्योंकि इस बार अक्षय तृतीया पर कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। इसका कारण यह है कि अक्षय तृतीया के दिन शुक्र और गुरु तारा दोनों ही अस्त हो रहे हैं। वहीं, गुरु और शुक्र ग्रह को विवाह का कारक ग्रह माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, विवाह के लिए शुक्र व गुरु ग्रह का उदित रहना जरूरी मना गया है। पिछले साल 2024 में भी शुक्र और गुरु का तारा अस्त होने के कारण अक्षय तृतीया पर विवाह का मुहूर्त नहीं बना था।
अक्षय तृतीया पर करें ये कार्य
ऐसे में अगर आप अक्षय तृतीया के दिन पूजा-आराधना, यज्ञ पितृ-तर्पण दान-पुण्य आदि जैसे कार्य करना काफी शुभ होता है, इससे जीवन भर पुण्य बना रहता है।
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