क्या है फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद? जिसके टॉप कमांडर को इजरायल ने मार गिराया
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच की लड़ाई सालों पुरानी है। 15 सालों में 4 युद्ध और कई छोटी झड़पें हो चुकी हैं। हालिया समय में सबसे भीषण युद्ध पिछले साल 2021 में हुई थी। फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद गाजा पट्टी में हमास के बाद दूसरा बड़ा चरमपंथी समूह है।
जब पूरी दुनिया की निगाहें चीन और ताइवान की जंग की आहट पर थी। तब इजरायल ने ऐसा धमाका कर दिया कि पूरी दुनिया दंग रह गई। इजरायल ने एक बार फिर से गाजा पट्टी पर हवाई हमला कर दिया है। जिसमें हमास कमांडर तहासील जाबरी मारा गया। इजरायल ने 2 घंटे में 70 रॉकेट दाग दिए। इजरायल के इस हमले से 10 से ज्यादा लोगों की जानें भी चली गईं। इजरायल का कहना है कि वो इस्लामिक जिहादी आतंकियों के गुट को निशाना बना रहा था। इस हफ्ते ही वेस्ट बैंक में एक खूंखांर उग्रवादी को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही तनाव चल रहा था। इस घातक हमले के बाद इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष के फिर से शुरू होने आशंका जताई जा रही है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक,1988 में ईरान ने अपने सालाना बजट से पीआईजे को 2 मिलियन डॉलर, यानी 16 करोड़ रुपए दिए थे।
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उग्रवादी समूह के हमास के साथ संबंध
फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह इस्लामिक जिहाद समूह ने कहा कि उसने गाजा पट्टी पर घातक इजरायली हवाई हमलों के जवाब में इजरायल पर 100 से अधिक रॉकेट दागे। इजरायल के अधिकारियों का कहना है कि गाजा पर हवाई हमलों ने हमास के बजाय फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) आंदोलन को निशाना बनाया है।
ऑपरेशन ब्रेकिंग डॉन
बता दें कि गाजा पट्टी पर इस्लामिक उग्रवादी संगठन हमास का शासन है और करीब 20 लाख फिलिस्तीनी यहां रहते हैं। हमास के कमांडर की मौत के बाद गाजा से रॉकेट दागे जाने की भी आशंका थी। हुआ भी कुछ ऐसा ही। इजरायल के हमले के बाद हमास ने रॉकेट से हमले किए। जिससे दोनों के बीच का संघर्ष बढ़ता ही नजर आ रहा है। इजरायल की सेना ने इस ऑपरेशन को ब्रेकिंग डॉन का नाम दिया है। उसने इस्लामी जिहादी को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन के बाद सीमा से 80 किलोमीटर के दायरे में सभी स्कूल बंद कर दिए गए। गाजा के आस पास की सड़कों को बंद कर दिया गया है। गाजा की तरफ से जवाबी कार्रवाई में करीब 1 हजार रॉकेट दागे गए। जिससे इजरायली घरों को नुकसान भी पहुंचने की खबर है।
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क्या है फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच की लड़ाई सालों पुरानी है। 15 सालों में 4 युद्ध और कई छोटी झड़पें हो चुकी हैं। हालिया समय में सबसे भीषण युद्ध पिछले साल 2021 में हुई थी। फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद गाजा पट्टी में हमास के बाद दूसरा बड़ा चरमपंथी समूह है। इज़राइल का कहना है कि उसके नवीनतम गाजा बमबारी का लक्ष्य फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद है। फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद एक ईरान समर्थित समूह है जिसकी स्थापना 1981 में हुई थी और यहूदी राज्य के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध के लिए प्रतिबद्ध है। इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ गाजा में छात्रों द्वारा शुरू में स्थापित समूह को हमास के एक सहयोगी संगठन के रूप में देखा जाता है, जिन्होंने 2007 से फिलिस्तीनी एन्क्लेव को नियंत्रित किया है। 2007 में हमास ने गाजा का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। इसके बाद से ही हमास के हाथ बंध गए हैं। वहीं इस्लामिक जिहाद के पास ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं है। इजरायल का कहना है कि ईरान के साथ समूह के संबंध हैं।
अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित इस संगठन ने 2000 से 2005 तक विद्रोह के माध्यम से इजरायल को टारगेटेड सुसाइड बॉम्बिंग की घटना को अंजाम दिया। समूह के सबसे प्रमुख हमलों में से एक 1989 में तेल अवीव और यरुशलम के बीच यात्रा करने वाली एक बस पर था जिसमें 16 लोग मारे गए थे। समूह के कई वरिष्ठ नेता दमिश्क, सीरिया में स्थित हैं। उन्होंने इजरायल के साथ किसी भी तरह की बातचीत को खारिज कर दिया और ओस्लो शांति समझौते का कड़ा विरोध किया। जबकि समूह नियमित रूप से हमास के साथ समन्वय में काम करता है, विशेष रूप से पिछले मई में इज़राइल के साथ 11-दिवसीय संघर्ष के दौरान, चल रहे संघर्ष ने इसकी स्वतंत्रता को और अधिक उजागर किया।
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