हिंसक झड़प में घायल PLA सैनिक को ओलंपिक मशाल वाहक बनाए जाने पर अमेरिका ने की चीन की निंदा, भारत का दिया साथ
अमेरिका ने चीन की आक्रामकता के खिलाफ भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की।इससे पहले दिन में, दो शीर्ष अमेरिकी सांसदों मार्को रुबियो और जिम रिश ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फाबाओ को ओलंपिक मशाल वाहक बनाने के फैसले के लिए चीन की आलोचना की थी।
वाशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि वह चीन की आक्रामकता के खिलाफ भारत के प्रति एकजुट है। दरअसल देश के अनेक सांसदों ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए पीएलए के एक सैनिक को ओलंपिक मशाल वाहक बनाने के चीन के फैसले की निंदा की, इसके बाद अमेरिका ने यह बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बृहस्पतिवार को एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जहां तक बात भारत-चीन सीमा विवाद की है, हम सीधे संवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पहले भी अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है। जैसा कि हम हमेशा करते हैं, हम दोस्तों के साथ खड़े हैं। हम हिंद-प्रशांत में अपनी साझा समृद्धि, सुरक्षा तथा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए भागीदारों और सहयोगियों के साथ खड़े हैं।’’
On China making PLA soldier involved in Galwan clash as Beijing Winter Olympics torchbearer, US State Dept Spox Ned Price: When it comes to broader issue of India-China border situation, we continue to support direct dialogue & a peaceful resolution of the border disputes." (1/2) pic.twitter.com/ONxl194GDf
— ANI (@ANI) February 4, 2022
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इससे पहले दिन में, दो शीर्ष अमेरिकी सांसदों मार्को रुबियो और जिम रिश ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फाबाओ को ओलंपिक मशाल वाहक बनाने के फैसले के लिए चीन की आलोचना की थी। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने भी आरोप लगाया कि चीन की सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा ओलंपिक का इस्तेमाल किया जा रहा है और चीन में मानवाधिकारों के हनन से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि सेना के रेजिमेंट कमांडर क्वी फाबाओ 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ सीमा पर हुई हिसंक झड़प में घायल हो गए थे और चीन ने ओलंपिक समारोह में उन्हें मशाल वाहक के रूप में चुना है। गलवान घाटी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था कि उसके पांच सैन्य अधिकारी तथा जवान झड़प में शहीद हुए थे। बीजिंग में 24वें शीतकालीन ओलंपिक समारोह की शुरुआत शुक्रवार को होगी।
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