America और Britain की सेना ने यमन में हुती विद्रोहियों को निशाना बनाकर किए हमले

rishi and Joe
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इन हमलों ने अमेरिकी कर्मियों, नागरिकों और हमारे साझेदारों को खतरे में डाल दिया है, व्यापार को खतरे में डाला है और नौवहन की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है। हुती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ लक्षित हमले किए।

वाशिंगटन। अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक दर्जन से अधिक स्थलों पर बृहस्पतिवार को बमबारी की। इनमें साजो सामान रखने वाले स्थान, हवाई रक्षा प्रणाली और हथियार भंडारण वाले स्थान शामिल हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि ये हमले यह दिखाने के लिए हैं कि अमेरिका और उसके सहयोगी लाल सागर पर आतंकवादी समूह के हमलों को ‘बर्दाश्त नहीं करेंगे’।

बाइडन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने पूरी तरह सोच समझ कर यह कदम उठाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘‘ये हमले लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों पर हुती विद्रोहियों के हमलों के बदले में हैं। इन हमलों ने अमेरिकी कर्मियों, नागरिकों और हमारे साझेदारों को खतरे में डाल दिया है, व्यापार को खतरे में डाला है और नौवहन की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है।’’

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ‘रॉयल एयर फोर्स’ ने हुती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ लक्षित हमले किए। यमन की राजधानी सना में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने शुक्रवार तड़के चार विस्फोटों की आवाज सुनी। होदेइदा के दो निवासियों, अमीन अली सालेह और हानी अहमद ने कहा कि उन्होंने शहर के पश्चिमी बंदरगाह क्षेत्र में पांच जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी। इस बंदरगाह शहर में हुती विद्रोहियों का कब्जा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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