संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कृत्रिम मेधा के जरिए अंतरराष्ट्रीय शासन पर परामर्श के लिए 39 सदस्यीय समिति गठित की
गुतारेस ने कहा, ‘‘यह पहले से ही स्पष्ट है कि एआई का दुर्भावनापूर्ण उपयोग संस्थानों में विश्वास को कमजोर कर सकता है, सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर सकता है और लोकतंत्र को ही खतरे में डाल सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कृत्रिम मेधा (एआई) के जरिए अंतरराष्ट्रीय शासन और इसके जोखिमों, चुनौतियों एवं अहम अवसरों पर रिपोर्ट देने के लिए बृहस्पतिवार को 39 सदस्यीय वैश्विक परामर्श समिति का गठन किया।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लैंगिक रूप से संतुलित, भौगोलिक रूप से विविध समूह वर्ष के अंत तक प्रारंभिक सिफारिशें जारी करेगा और 2024 की गर्मियों तक अंतिम सिफारिशें जारी करेगा। सिफारिशें सितंबर 2024 के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में शामिल होंगी, जिसमें विश्व के नेता भाग लेंगे।
गुतारेस ने कहा, ‘‘हमारे चुनौतीपूर्ण समय में एआई मानवता के लिए असाधारण प्रगति में सहायक हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एआई के संभावित नुकसान का दायरा गलत सूचना और दुष्प्रचार, पूर्वाग्रह और भेदभाव का गहरा होना, निगरानी और निजता के उल्लंघन, धोखाधड़ी और मानवाधिकारों के अन्य उल्लंघन तक फैला है।’’
गुतारेस ने कहा, ‘‘यह पहले से ही स्पष्ट है कि एआई का दुर्भावनापूर्ण उपयोग संस्थानों में विश्वास को कमजोर कर सकता है, सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर सकता है और लोकतंत्र को ही खतरे में डाल सकता है।
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