Sexual and Reproductive Health Awareness Day 2025 : सेक्स लाइफ और बच्चे पैदा करने से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है उद्देश्य

Sexual and Reproductive Health Awareness Day
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Prabhasakshi News Desk । Feb 12 2025 10:38AM

हर साल 12 फरवरी को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य सेक्स लाइफ और बच्चे पैदा करने से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसकी शुरूआत कनाडा की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा की गई थी। इस मौके पर भारत समेत बहुत सारे देशों में इस दिन खास कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

दुनिया भर में हर साल 12 फरवरी को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य सेक्स लाइफ और बच्चे पैदा करने से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता दिवस की शुरूआत कनाडा की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा की गई थी। इस मौके पर भारत समेत बहुत सारे देशों में इस दिन खास कार्यक्रम आयोजित होते हैं। सेक्शुअल वेलनेस यानी सेक्स लाइफ का असर एक इंसान के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।

दुनिया के कई देशों में अभी तक इसे लेकर जागरूकता की कमी है। इस मुद्दे पर लोग कई बार बहुत से भ्रम और गलत धारणाओं के शिकार होते हैं। जिसका उद्देश्य समाज में यौन संबंधों से जुड़ी झिझक को तोड़ने की है। सेक्स रोग, इनफर्टिलिटी, पीरियड्स, असुरक्षित गर्भपात और जन्म नियंत्रण के बारे में लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक दिन रखा गया है। 

भारत में यौन शिक्षा की रही है कमी 

गुरुग्राम के ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. ज्योति शर्मा का कहना है कि हमारे देश में काफी समय से यौन और रिप्रोडक्टिव हेल्थ (प्रजनन स्वास्थ्य) के बारे गलत धारणाएं और स्पष्ट दृष्टिकोण की कमी होने से महिलाओं के लिए बहुत सारी समस्याएं पैदा हुई है। सामान्य जागरूकता की कमी होने से रूढ़िवादी समाज में जवान लड़कियों के लिए यौन को वर्जित माना जाता रहा है। इस वजह से गंभीर परिणाम देखने को मिलता है। इसके अलावा वे अनुभवी महिलाओं और बड़ी उम्र की लड़कियों की जानकारी पर भी निर्भर होती है।

जानकारी होना है जरूरी 

महिलाओं में सेक्सुअल समस्याओं को जानकारी और जागरूकता के माध्यम से हल किया जा सकता है। सबसे जरूरी जानकारी गर्भनिरोधक उपायों को लेकर है। इससे एसटीआई और अनचाहे गर्भ से सुरक्षा मिलती है। साइकोसेक्सुयल थेरेपी का लक्ष्य होता है कि महिलाएं अपने शरीर की भावनाएं और यौन के बारे समझें।

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