S Jaishankar at UNGA: संयुक्त राष्ट्र में चीन-पाक और कनाडा, जयशंकर करेंगे धमाका, संबोधन पर टिकी पूरी दुनिया की नजर
दोनों नेताओं ने व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और पारंपरिक चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित करते हुए दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। कार्यक्रम के इतर विश्व नेताओं के साथ बैठकों में शामिल होना।
विदेश मंत्री एस जयशंकर आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। पाकिस्तान और चीन के झूठ का गुब्बारा फोड़ेंगे। इसके साथ ही आतंकियों को पनाह देने को लेकर कनाडा पर भी निशाना साधा जा सकता है। विदेश मंत्री 78वें यूएनजीए में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए न्यूयॉर्क में हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस से मुलाकात की। विदेश मंत्री ने 78वें यूएनजीए से इतर अर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिर्ज़ोयान के साथ भी बैठक की। दोनों नेताओं ने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की पुष्टि की है। दोनों नेताओं ने व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और पारंपरिक चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित करते हुए दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। कार्यक्रम के इतर विश्व नेताओं के साथ बैठकों में शामिल होना। अपनी न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान जयशंकर ने कई विश्व नेताओं से बातचीत की।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपने न्यूयॉर्क प्रवास के दौरान कंबोडिया के प्रधान मंत्री हुन मानेट से भी मुलाकात की। वीडियो में जयशंकर समोआ के प्रधानमंत्री फियामे नाओमी माताफा और उनके भूटानी समकक्ष टांडी दोरजी, डोमिनिका के विदेश मंत्री विंस हेंडरसन और गुयाना के विदेश मंत्री हग टॉड समेत कई अन्य लोगों से मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। विदेश मंत्री ने इससे पहले कार्यक्रम 'साउथ राइजिंग: पार्टनरशिप्स, इंस्टीट्यूशंस एंड आइडियाज' के दौरान बोलते हुए कहा कि आर्थिक रूप से प्रभावशाली देश उत्पादन क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं और जिन देशों के पास संस्थागत प्रभाव है, उन्होंने इन क्षमताओं को हथियार बना लिया है।
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इसके अलावा कोविड -19 महामारी का उदाहरण देते हुए, मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह अभी भी दोहरे मानकों की दुनिया है। विश्व में भावना बढ़ रही है और ग्लोबल साउथ एक तरह से इसका प्रतीक है। लेकिन राजनीतिक प्रतिरोध भी है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन, संयुक्त राष्ट्र भारत और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि प्रभावशाली पदों पर बैठे लोग बदलाव के दबाव का विरोध कर रहे हैं।
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