जयशंकर ने वेलिंगटन में नये भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन किया, प्रवासी भारतीयों से की बातचीत
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को वेलिंगटन में नये भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन किया और कहा कि एक-दूसरे की क्षमताओं का समन्वय करना भारत और न्यूजीलैंड के बीच अहम संबंधों को और प्रगाढ़ करने का अधिक विवेकपूर्ण तरीका है।
वेलिंगटन। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को वेलिंगटन में नये भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन किया और कहा कि एक-दूसरे की क्षमताओं का समन्वय करना भारत और न्यूजीलैंड के बीच अहम संबंधों को और प्रगाढ़ करने का अधिक विवेकपूर्ण तरीका है। विदेश मंत्री के तौर पर न्यूजीलैंड की पहली यात्रा पर आए जयशंकर ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को नये सिरे से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। जयशंकर ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘वेलिंगटन में आज नये भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन किया।
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बेहद कम समय में मंत्री-स्तरीय तीन यात्राएं भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को प्रगाढ़ करने की हमारी साझा इच्छा दर्शाती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत और न्यूजीलैंड के बीच संबंध हमारे प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और जेसिंडा अर्डर्न की दूरदर्शिता तथा प्रतिबद्धता से मजबूत होते हैं।’’ भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कारोबार, डिजिटल और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारे संबंधों को प्रगाढ़ करने का अधिक विवेकपूर्ण तरीका वास्तव में एक-दूसरे की क्षमताओं का समन्वय है। हमें अधिक कारोबार करने के रास्ते तलाशने चाहिए, क्योंकि आखिरकार कारोबार किसी भी रिश्ते के लिए अच्छा है। एक बार यदि किसी कारोबारी संबंध के लिए मजबूत नींव पड़ जाती है तो वह रिश्ता वाकई मजबूत और स्थिर रहता है।’’
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कारोबार, डिजिटल, कृषि, शिक्षा, कौशल, पारंपरिक औषधि तथा समुद्री सुरक्षा क्षेत्रों में कारोबार की असीम संभावनाएं हैं। मजबूत सहयोग से हमारे साझा क्षेत्र में शांति, समृद्धि और प्रगति सुनिश्चित होगी।’’ विदेश मंत्री ने नए चांसरी के उद्घाटन के दौरान वहां एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हाल के वर्षों में हमारे प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और जेसिंडा अर्डर्न ने कार्यक्रमों के इतर समय-समय पर मुलाकात करते हुए एक रिश्ता बनाया है...जब उच्च स्तर पर नेताओं की मुलाकात होती है तो उससे काफी फर्क पड़ता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत और न्यूजीलैंड के संबंध को नए सिरे से मजबूत करने की आवश्यकता है। कई चुनौतियों, कई संभावनाएं हैं जो भारत और न्यूजीलैंड जैसे देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे यह संदेश देकर काफी खुशी हुई कि भारत कारोबार के लिए तैयार है और ऐसे कई क्षेत्र हैं जिसमें आपको अनुभव, क्षमताएं और आपके पास उत्कृष्ट प्रणालियां हैं, जिससे बड़ा फर्क पड़ता है।’’
उन्होंने कहा कि डिजिटल संपर्क एक अन्य क्षेत्र है जिसमें वृहद सहयोग की संभावनाएं हैं। साथ ही उन्हेांने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच कृषि-कारोबार के क्षेत्र में साझेदारी की भी असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने भारत और न्यूजीलैंड के बीच सीधे हवाई संपर्क पर भी बात की। विदेश मंत्री ने कहा कि यहां भारतीय छात्रों को कोविड-19 के दौरान मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ा। हिंद-प्रशांत मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड संसाधन संपन्न इस क्षेत्र के दो विपरीत छोर पर खड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम भारत और न्यूजीलैंड के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र आता है क्योंकि अगर आप वृहद हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर देखें तो हम दो विपरीत छोर पर खड़े हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे में से प्रत्येक देश के पास इस साझा क्षेत्र में योगदान करने के लिए कुछ न कुछ है और हम निजी रूप से भी इसमें योगदान दे सकते हैं, लेकिन कूटनीति का एक आधार दूसरे लोगों के साथ आपका काम है।’’ जयशंकर ने यह भी कहा, ‘‘हमारे पास क्रिकेट में भी सहयोग का एक अच्छा उदाहरण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत में कोई भी जॉन राइट को कभी नहीं भूलेगा और आईपीएल देखने वाला कोई भी व्यक्ति स्टीफन फ्लेमिंग को कभी नजरअंदाज नहीं करेगा। क्रिकेट में हम हर किसी को शुभकामनाएं देते हैं, बेशक हम अपनी टीम की जीत क्यों न चाहें।’’ जयशंकर न्यूजीलैंड के बाद कैनबरा और सिडनी जाएंगे, जो इस साल ऑस्ट्रेलिया की उनकी दूसरी यात्रा होगी।
Inaugurated the new Indian High Commission Chancery in Wellington today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 9, 2022
Three Ministerial visits in a short span of time reflects our shared desire to grow India-New Zealand ties and make them fit for purpose. pic.twitter.com/vJAytWwZrF
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