हेल्पर के तौर पर हायर कर यूक्रेन में भारतीयों को लड़वाया जा रहा युद्ध, ओवैसी ने जयशंकर से की ये अपील
ओवैसी ने जयशंकर को टैग करते हुए कहा कि कृपया इन लोगों को घर वापस लाने के लिए अपने अच्छे कार्यालयों का उपयोग करें।
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से उन तीन भारतीयों को बचाने का आग्रह किया, जिन्हें कथित तौर पर यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया है। ओवैसी ने द हिंदू की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारतीयों को कथित तौर पर एक एजेंट ने धोखा दिया था और उन्हें सेना सुरक्षा सहायक के रूप में काम करने के लिए वहां भेजा था। तीनों भारतीय उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से हैं। यह पहली बार है कि मौजूदा युद्ध में रूसी सेना के साथ लड़ने वाले भारतीयों की मौजूदगी की सूचना मिली है।
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ओवैसी ने जयशंकर को टैग करते हुए कहा कि कृपया इन लोगों को घर वापस लाने के लिए अपने अच्छे कार्यालयों का उपयोग करें। उनकी जान खतरे में है और उनके परिवार वाजिब चिंतित हैं। रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपना आक्रमण शुरू किए हुए दो साल हो गए हैं और माना जाता है कि लगभग 18 भारतीय रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं। यह मामला तब सामने आया जब हैदराबाद के रहने वाले एक पीड़ित के परिवार के सदस्य ओवैसी से संपर्क किया। हैदराबाद के सांसद ने जयशंकर और मॉस्को में भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी।
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पीड़ितों में से एक गभग 20 वर्ष का है। हिंदू को बताया कि वे तीनों फैसल खान नाम के एक एजेंट के माध्यम से रूस आए थे, जो 'बाबा व्लॉग्स' नामक एक यू-ट्यूब चैनल चलाता है। कथित तौर पर पीड़ितों को सहायक के रूप में तैनात करने का वादा किया गया था। पीड़ितों ने कहा कि उन्हें रूसी सेना द्वारा हथियार और गोला-बारूद संभालने का प्रशिक्षण दिया गया था और रूस-यूक्रेन सीमा पर रोस्तोव-ऑन-डॉन में बंदूक की नोक पर लड़ने के लिए मजबूर किया गया था। हमसे अनुबंध पर हस्ताक्षर कराए गए, जिसमें कहा गया था कि हमें सेना सुरक्षा सहायक के रूप में काम पर रखा जा रहा है। हमें स्पष्ट रूप से बताया गया कि हमें युद्ध के मैदान में नहीं भेजा जाएगा और 1.95 लाख रुपये वेतन और 50,000 रुपये प्रति माह अतिरिक्त बोनस देने का वादा किया गया।
Sir @DrSJaishankar kindly use your good offices to bring these men back home. Their lives are at risk & their families are justifiably worried. https://t.co/pDmvdeO5HZ
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 21, 2024
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