भारत सरकार के अनुसार जलवायु महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाया जाना अत्यावश्यक है: जॉन कैरी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जलवायु मामलों के विशेष दूत जॉन कैरी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने भारत सरकार से कहा है कि जलवायु संबंधी महत्वाकांक्षाओं (लक्ष्यों) को आगे बढ़ाया जाना अत्यावश्यक है।
नयी दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जलवायु मामलों के विशेष दूत जॉन कैरी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने भारत सरकार से कहा है कि जलवायु संबंधी महत्वाकांक्षाओं (लक्ष्यों) को आगे बढ़ाया जाना अत्यावश्यक है। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया है कि भारत, ब्रिटेन के ग्लासगोव में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) के दौरान कुछ घोषणाएं करेगा। यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक चलेगा।
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कैरी ने कहा कि यदि भारत वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने सफल होता है, तो यह एक विकासशील देश द्वारा दुनिया के तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर बरकरार रखने के प्रयासों में बड़ा योगदान साबित होगा। उन्होंने कहा, मैं निजी तौर पर आग्रह करता हूं कि सरकार राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को लेकर स्पष्ट रूप से घोषणा करने के बारे में सोचे। कैरी जलवायु संकट से निपटने के मद्देनजर वार्ता को लेकर भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। कैरी से मीडिया ने सवाल किया कि क्या उन्होंने भारत सरकार को उसकी जलवायु महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने को कहा है तो कैरी ने कहा, मैंने उनसे कहा कि यह अत्यावश्यक है। हमें यह करना है।
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लोगों ने मुझे स्पष्ट रूप से ना या हां नहीं कहा है। मैं किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिला जिसने कहा हो कि यह बेकार विचार है और हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के जलवायु मामलों के विशेष दूत ने कहा, यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। यह निर्णय लेने के लिए भारत में आंतरिक विचार-विमर्श करने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि भारत सीओपी26 में जाने के दौरान किसी न किसी बात की घोषणा करने जा रहा है और वो भी ऐसी, जैसा कि कई अन्य देशों से आपने अभी तक नहीं सुना होगा। केरी ने कहा कि दोनों पक्षों ने नेट जीरो पर चर्चा में अधिक समय नहीं दिया और उन्होंने उन चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जिन्हें तत्काल किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, अगर आप वर्ष 2030 तक बेहतर तरह से कार्य नहीं करते हो तो नेट जीरो का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकते। हमने वास्तव में एनडीसी की अवधारणा पर ध्यान केंद्रित किया और इस बात पर विचार किया कि 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्या सहायक कदम उठाए जा सकते हैं। नेट जीरो लक्ष्य का अर्थ है कि पर्यावरण में उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को बराबर मात्रा में हटाकर संतुलित करना। केरी ने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति के मामले में पहले ही कई देशों से आगे है।
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