सलमान रुश्दी पर हमला अनुचित था : इमरान

Attack on Salman Rushdie
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान नेलेखक सलमान रुश्दी की हत्या के प्रयास को ‘भयानक और दुखद’ करार दिया है। मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर के मुताबिक, इमरान ने कहा कि रुश्दी के विवादास्पद उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर इस्लामी जगत में नाराजगी समझ में आती है, लेकिन उन पर हमला अनुचित था।

इस्लामाबाद, 20 अगस्त। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान नेलेखक सलमान रुश्दी की हत्या के प्रयास को ‘भयानक और दुखद’ करार दिया है। मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर के मुताबिक, इमरान ने कहा कि रुश्दी के विवादास्पद उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर इस्लामी जगत में नाराजगी समझ में आती है, लेकिन उन पर हमला अनुचित था। रुश्दी (75) पर न्यूजर्सी निवासी हादी मतार (24) ने पिछले हफ्ते मंच पर उस समय चाकू से हमला कर दिया था, जब पश्चिमी न्यूयॉर्क में चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन के एक साहित्यिक कार्यक्रम में लेखक का परिचय दिया जा रहा था। हादी लेबनानी मूल का अमेरिकी नागरिक है।

चौटाउक्वा काउंटी के जिला अटॉर्नी जेसन स्किम्द ने हमलावर की पेशी के दौरान कहा था कि रुश्दी की गर्दन पर तीन, पेट में चार और दाहिनी जांघ पर एक जगह चाकू से वार किया गया था, जबकि उनकी दाहिनी आंख और छाती पर भी वार किया गया था। ‘द गार्डियन’ अखबार को दिए साक्षात्कार में रुश्दी पर हमले के बारे में पूछे जाने पर इमरान ने कहा, “मुझे लगता है यह भयानक है, दुखद।” उन्होंने कहा, “वह हमारे दिलों में पैगंबर मोहम्मद के लिए मौजूद प्यार, सम्मान और श्रद्धा से वाकिफ हैं। वह इस बारे में जानते हैं।” पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “इसलिए, मैं उन्हें लेकर नाराजगी को समझ सकता हूं, लेकिन जो कुछ भी हुआ, उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता।”

साल 2012 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के प्रमुख इमरान ने नयी दिल्ली में आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में शिरकत करने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया था, क्योंकि रुश्दी उसमें शामिल हो रहे थे। इमरान ने सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होने की योजना यह कहते हुए रद्द कर दी थी कि वह एक ऐसे कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बारे में सोच भी नहीं सकते, जिसमें ‘दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले’ रुश्दी शिरकत कर रहे हों। 1988 में प्रकाशित रुश्दी के चौथे उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ने लेखक को नौ साल तक छिपकर जीवन गुजारने के लिए मजबूर किया था।

ईरान के सर्वोच्च नेता रहे आयतुल्ला रूहोल्ला खमनेई ने रुश्दी पर उनके उपन्यास को लेकर ईशनिंदा का आरोप लगाया था। 1989 में उन्होंने रुश्दी के खिलाफ एक फतवा जारी किया था, जिसके तहत उनकी हत्या का आह्वान किया गया था। रुश्दी के उपन्यास को लेकर उन्हें ईरान से भी हत्या की धमकी मिली। ईरान ने रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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