China-Pakistan की सीक्रेट न्यूक्लियर प्लानिंग को भारत ने कैसे किया फेल? पोल खुलने पर बिफर पड़े दोनों देश
जहाज में पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के लिए सामान भेजा जा रहा था। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान अपने आका चीन से न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए चीन से मदद ले रहा था।
गलवान के बाद चीन इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि वो हिंदुस्तान के साथ कभी भी सीधी लड़ाई में जीत हासिल नहीं कर सकता। पाकिस्तान और चीन का खुफिया गठबंधन इन दिनों अपने कारनामों में लगा हुआ है। लेकन भारत ने दोनों के ही नापाक मंसबूों पर पानी फेर दिया। दरअसल, मुंबई की सुरक्षा एजेंसियों ने चीन का एक जहाज रोक दिया। जानकारी के अनुसार जहाज में पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के लिए सामान भेजा जा रहा था। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान अपने आका चीन से न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए चीन से मदद ले रहा था।
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मुंबई पोर्ट पर भारतीय एजेंसियों ने क्या पकड़ा?
चीन से करांची जा रहे एक जहाज को मुंबई पोर्ट पर भारतीय एजेंसियों ने पकड़ लिया। कंगाल पाकिस्तान अपनी एटमी ताकत में चोरी-चोरी इजाफा करने की फिराक में था। इसके लिए वो अपने आका चीन की मदद ले रहा था। लेकिन भारतीय एजेंसियों ने उसकी चाल पर पानी फेर दिया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीन से पाकिस्तान जा रहे एक जहाज को मुंबई पोर्ट पर रोक दिया। दावा है कि इस जहाज में परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइलों से जुड़े कंसाइटमेंट से हैं। जांच के दौरान जहाज से कंप्यूटर न्यूमैरिक कंट्रोल मशीन मिली। इस मशीन का इस्तेमाल सैन्य कार्यक्रमों में होता है। डीआरडीओ ने इस जहाज की जांच की। आशंका जताई जा रही है कि मशीन का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने मिसाइल प्रोग्राम में करने वाला था। इसलिए उसने चीन से प्रतिबंधित सामान मंगवाया था।
कैसे खुली पाकिस्तान के झूठ की पोल
पाकिस्तान को भारत ने करारा झटका दिया है तो चीन को भी उसकी औकात दिखा दी है। परमाणु हथियारों के लिए चोरी-छिपे पाकिस्तान की मदद करने की चाल भारत ने फेल कर दी है। भारत के इस एक्शन से पाकिस्तान में खलबली मची है। पाकिस्तान के परमाणु साजिश का खुलासा जांच के दौरान हुआ क्योंकि सामान के साथ जो दस्तावेज थे वो भी झूठे थे। दस्तावेजों के मुताबिक दावा किया गया कि पकड़ा गया सामान शंघाई जेएक्सई लॉजिस्टिक से भेजा गया है जबकि जांच में खुलासा हुआ कि सामान ताइयुआन माइनिंग कंपनी ने भेजा था। दस्तावेजों में दिखाया गया था कि सामान पाकिस्तान विंग प्राइवेट लिमिटेड में डिलिवर होना था। जांच में पता चला कि पाकिस्तान कॉसमोस इंजीनियरिंग कंपनी में जाना था। आपको बता दें कि कॉसमोस इंजीनियरिंग कंपनी एक डिफेंस सप्लायर कंपनी है।
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बौखलाया चीन
भारत में चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि दूतावास ने इससे जुड़ी रिपोर्ट को देखा है। इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि की जा रही है। एक जिम्मेदार प्रमुख देश के रूप में चीन अपने अंतरराष्ट्रीय नॉन प्रॉलिफरेशन दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को सख्ती से पूरा कर रहा है। मार्च 2020 में कुछ भारतीय मीडिया ने तथाकथित दोहरे उपयोग वाली सामग्री के परिवहन के लिए चीनी जहाज दा कुई यूं को प्रचारित किया। यह सामग्री किसी भी तरह से सैन्य उपकरण का टुकड़ा नहीं है। संदेहपूर्ण रिपोर्ट या गैर-जिम्मेदाराना संकेत अच्छा नहीं हैं।
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