आर्थिक संकट के बीच हिंसा के जूझ रहे हैती में गंभीर भुखमरी की आशंका

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा 90 प्रतिशत विदेशी सहायता अनुबंधों को समाप्त करने का निर्णय लिए जाने के बाद इन स्थलों को दी जाने वाली सहायता कम होने लगी।

हैती की आधी से अधिक आबादी के जून तक गंभीर भुखमरी की चपेट में आने तथा अस्थायी आश्रयों में रह रहे 8,400 अन्य लोगों के भुखमरी से जूझने की आशंका है। इस सप्ताह जारी एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

दुनिया भर में खाद्य असुरक्षा एवं कुपोषण का विश्लेषण करने वाली संयुक्त राष्ट्र की पहल ‘एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण’ के विश्लेषण के अनुसार, गिरोहों के बीच लगातार हो रही हिंसा और लगातार आर्थिक पतन हैती की इस दशा लिए जिम्मेदार है।

उसने बताया कि गंभीर भुखमरी का सामना करने वाले लोगों की संख्या पिछले वर्ष की 3,00,000 की संख्या से बढ़कर लगभग 57 लाख हो गई है। उसने बताया कि हैती की आधी से अधिक आबादी के जून तक गंभीर भुखमरी की चपेट में आने की आशंका है। इसके अलावा अस्थायी आश्रयों में रह रहे 8,400 अन्य लोगों के भुखमरी से जूझने की आशंका है।

आश्रय स्थलों पर भोजन और पेयजल सामान्य रूप से वितरित किया जाता था लेकिन फरवरी के अंत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा 90 प्रतिशत विदेशी सहायता अनुबंधों को समाप्त करने का निर्णय लिए जाने के बाद इन स्थलों को दी जाने वाली सहायता कम होने लगी।

इसमें कहा गया है कि अगस्त 2024 से फरवरी 2025 तक लगभग 9,77,000 हैतीवासियों को मासिक खाद्य सहायता प्राप्त हुई, हालांकि राशन में आधे तक की कटौती की गई है। यूनिसेफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनुमानतः 28,50,000 बच्चे ‘‘उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा का लगातार सामना कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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