अमेरिका के 'ऑपरेशन जवाहिरी' को लेकर बड़ा दावा, किर्गिस्तान के एयरबेस से लॉन्च किया गया था ड्रोन
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि हमला उत्तरी किर्गिज़ शहर मानस में स्थित एक अमेरिकी पारगमन सुविधा गैन्सी एयरबेस से लॉन्च किया गया था।
अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी 2 अगस्त को अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा ड्रोन हमले में मारा गया था। लेकिन अब इसको लेकर कुछ अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अल जवाहिरी का खात्मा करने वाले अमेरिकी ड्रोन को संभवत: किर्गिस्तान के एक एयरबेस से लॉन्च किया गया था। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि हमला उत्तरी किर्गिज़ शहर मानस में स्थित एक अमेरिकी पारगमन सुविधा गैन्सी एयरबेस से लॉन्च किया गया था। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार गांसी किर्गिस्तान में बिश्केक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक पूर्व अमेरिकी सैन्य अड्डा था। इसे अमेरिकी वायु सेना द्वारा संचालित किया जाता था। हालांकि इसे जून 2014 में किर्गिज़ सेना को सौंप दिया गया था।
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हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने ड्रोन के टेकऑफ़ या उड़ान के सटीक स्थान या मार्ग के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिकी रक्षा विभाग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि जवाहिरी काबुल शहर में एक खुफिया ऑपरेशन में मारा गया था, जहां वह तालिबान के अतिथि के रूप में रह रहा था। अमेरिका ने कहा कि रविवार को सुबह 6:18 बजे काबुल में जहां वो रह रहा था वहां सटीक, आतंकवाद विरोधी अभियान में दो हेलफायर मिसाइलों से हमला किया गया था। अमेरिका के अनुसार आतंकी समूह हक्कानी नेटवर्क को काबुल में अल-कायदा नेता की मौजूदगी के बारे में पता था।
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वहीं तालिबान के नेता भी सवालों के घेरे में है। कहा ये जा रहा है कि अफगानिस्तान में बिना तालिबान की मदद से अमेरिका इतने बड़े ऑपरेशन को अंजाम नहीं दे सकती। आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका ने पाकिस्तान या ईरान के एयरस्पेस का इस्तेमाल कर जवाहिरी पर ड्रोन हमला किया। अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज के लौटने के बाद ये पहला बड़ा हमला था।
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