चीन की महत्वकांक्षा ही बनी उसकी गले की फांस, दोस्त पाकिस्तान से बोल पड़ा ड्रैगन- सब बर्बाद कर दिया
चीनी सीपीईसी पर काम की मंद रफ्तार से सीनेट की स्थाई समिति के अध्यक्ष भी असंतुष्ट हैं। वहीं इसको लेकर चीन की ओर से लगातार नाराजगी जाहिर की जा रही है। चीन के राजदूत की तरफ से भी शिकायती लहजे में कहा गया है कि सीपीईसी को बर्बाद कर दिया है और तीन वर्षों में इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
चीन का मकसद बेल्ट एंड रोड परियोजना के जरिये पूरी दुनिया को चीन से जोड़ने का है। इसके लिए वो कई देशों में भारी मात्रा में निवेश कर रहा है। सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत चीन सड़क, रेलवे और ऊर्जा पाइपलाइन बिछाने के लिए पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर लोन दे रहा है। इस परियोजना को साल 2049 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन पाकिस्तान में सीपीईसी प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार ने चीनी कंपनियों को निराश कर दिया है। पाकिस्तान के सीनेट पैनल की ओर से भी इस प्रोजक्ट के तीन सालों में जीरो प्रगति को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। चीनी सीपीईसी पर काम की मंद रफ्तार से सीनेट की स्थाई समिति के अध्यक्ष भी असंतुष्ट हैं। वहीं इसको लेकर चीन की ओर से लगातार नाराजगी जाहिर की जा रही है। चीन के राजदूत की तरफ से भी शिकायती लहजे में कहा गया है कि सीपीईसी को बर्बाद कर दिया है और तीन वर्षों में इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
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गौरतलब है कि इससे पहले भी चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के अपने समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ फोन पर हुई बातचीत में सीपीईसी परियोजना के बारे में चर्चा की थी। वांग ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये सीपीईसी की परियोजनाओं को तेज करने की जरूरत पर बल दिया था। सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर से होकर गुजरता है। इस कारण भारत शुरुआत से ही इस परियोजना का विरोध करता आया है।
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