पिता नहीं चाहता था बेटा लगवाए कोरोना वैक्सीन!12 वर्षीय बच्चा पहुंचा कोर्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12 साल का यह बच्चा कोविड वैक्सीन लगवाना चाहता था लेकिन इसके पिता इस बात के लिए राजी नहीं थे। हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए साफ कहा कि, बच्चे को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाई जाए। वैक्सीन को लेकर माता-पिता को कोर्ट पहुंचाने का यह पहला मामला है।
नीदरलैंड में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक कानून बनाया गया है कि, 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चे कोरोना का टीका लगवाने को लेकर खुद फैसला ले सकते है। बता दें कि बच्चों को इसके लिए अपने माता-पिता दोनों से लिखित में अनुमति लेनी पड़ती है। बिना माता-पिता की अनुमति के बच्चे वैक्सीन नहीं लगवा सकते है। इसी को देखते हुए नीदरलैंड के उत्तरी डच शहर में एक 12 वर्षीय बच्चे ने कोरोना वैक्सीन लगवाने की जिद की और इसके लिए वह कोर्ट तक पहुंच गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 12 साल का यह बच्चा कोविड वैक्सीन लगवाना चाहता था लेकिन इसके पिता इस बात के लिए राजी नहीं थे। हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए साफ कहा कि, बच्चे को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाई जाए। वैक्सीन को लेकर माता-पिता को कोर्ट पहुंचाने का यह पहला मामला है।
इसे भी पढ़ें: फ्रांस को मनाने की कोशिशों में जुटे ऑकस नेता, अगले महीने बाइडेन और मैक्रों का मिलना तय !
ग्रोनिंगन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में बच्चे ने सफाई में कहा कि, मैं कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होना चाहता हूं और न ही दूसरों को संक्रमित करना चाहता हूं, इसलिए मैं वैक्सीनेट होना चाहता हूं।न्यायाधीश ने इस बात को सुनकर बच्चे के पक्ष में फैसला सुनाया। वहीं पिता अपने बच्चे को कोरोना वैक्सीन लगाने से इसलि्ए रोक रहा था क्योंकि इस समय कोरोना के टीकों का ट्रायल चल रहा है, और यह संभव है कि वेक्सीन लगवाने से बच्चे को कई जोखिम का खतरा हो सकता है। कोर्ट के जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, पिता का तर्क बिल्कुल भी वैज्ञानिक नहीं है। बच्चे ने आगे कोर्ट को बताया कि, वह कोरोना की वैक्सीन इसलिए लगवाना चाहता है जिससे वह ज्यादा से ज्यादा समय अपनी दादी के साथ बिता सके।बता दें कि बच्चे की दादी फेफड़ों के कैंसर से जूझ रही है और वह नहीं चाहता है कि उसकी दादी को कोई भी परेशानी आए।
अन्य न्यूज़