नकारात्मक प्राणिक भोजन का होता है स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव, जानें क्या होती है खाने की प्राणिक वैल्यू

उच्च प्राणिक भोजन जैसे अंकुरित अनाज, सेम, सब्जियां, बीज, और नट्स आदि का चयन करें। इनमें सबसे ज़्यादा प्राणिक मूल्य पाया जाता है और ये खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
प्राण एक ऐसी ऊर्जा है जो मानव शरीर के भीतर और उसके आस-पास मौजूद होती है। प्राण का अर्थ होता है- जीवन प्रदान करने वाली शक्ति। यह शक्ति सभी जीवित वस्तुओं में पाई जाती है। प्राण ना केवल हमारे शरीर बल्कि हमारे आसा-पास और हमारे भोजन में भी मौजूद होते हैं। भोजन की प्राणिक वैल्यू या प्राणिक मूल्य का मतलब होता है उसके जीवन मूल्य को समझना। भोजन हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और उसे स्वस्थ्य और शुद्ध बनाता है। हम जो भोजन खाते हैं उसका सीधा असर हमारे शरीर की प्राणिक ऊर्जा पर पड़ता है इसलिए भोजन के प्राणिक मूल्य को समझना बहुत आवश्यक है। आज के इस लेख में हम आपको भोजन के प्राणिक मूल्य के बारे में जानकारी देंगे। इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि आप कैसे अपने खाने से अधिक प्राणिक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं-
भोजन को उसके प्राणिक मूल्य के आधार पर तीन अलग-अलग वर्गों में बाँटा गया है- सकारात्मक भोजन, नकारात्मक भोजन और शून्य प्राणिक भोजन।
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सकारात्मक प्राणिक भोजन
सकारात्मक भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जो शरीर और मन को शुद्ध और ऊर्जावान बनाए रखते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में प्राण और ऊर्जा में वृद्धि होती है।
नकारात्मक प्राणिक भोजन
नकारात्मक ऊर्जा वाले भोजन का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र (nervous system) पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नकारात्मक प्राणिक भोजन की सूची बहुत लंबी नहीं है, लेकिन इस श्रेणी में आने वाले ज्यादातर खाद्य पदार्थ नशे की लत और तंत्रिका उत्तेजक होते हैं। प्याज, लहसुन, मिर्च, हींग, बैंगन, चाय, कॉफी, तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थ, सड़े-गले बासी भोजन, और अध पके या प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आदि नकारत्मक प्राणिक भोजन माने जाते हैं। इनका अत्यधिक सेवन करने से शरीर से प्राण (ऊर्जा) कम होता है।
शून्य प्राणिक भोजन
शून्य प्राणिक भोजन या जीरो एनर्जी फूड से शरीर की प्राणिक ऊर्जा पर कोई असर नहीं होता है। ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से ना तो स्वास्थ्य को कोई फायदा होता है और ना ही नुकसान।
अपने भोजन से अधिक प्राणिक ऊर्जा कैसे प्राप्त करें
उच्च प्राणिक भोजन जैसे अंकुरित अनाज, सेम, सब्जियां, बीज, और नट्स आदि का चयन करें। इनमें सबसे ज़्यादा प्राणिक मूल्य पाया जाता है और ये खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इनमें विटामिन, मिनरल, फायटोनुट्रिएंट (phytonutrient) आदि मौजूद होते हैं जो शरीर में पोषक तत्वों अब्सॉर्प्शन और पाचन में मदद करते हैं।
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कोशिश करें कि पैक्ड और प्रोसेस्ड खाने की बजाय ताज़े खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ज़्यादा से ज़्यादा ताज़े खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ताज़े, जीवित खाद्य पदार्थों में प्राण मौजूद होता है। पैक्ड और प्रोसेस्ड खाने में प्राणिक मूल्य कम होता है और ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। यहां तक कि एक दिन से अधिक बचे हुए भोजन में भी प्राणिक मूल्य कम हो जाता है।
सब्जियों में प्राण खत्म होने पर वे ख़राब होने लगती हैं जिसके कारण उनका रंग बदल जाता है या सड़ने लगती हैं। ऐसा जब होता है जब उनकी शेल्फ लाइफ से ज़्यादा समय के लिए रखा गया हो।
स्थानीय रूप से उगाए गए जैविक (organic) खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थ रसायनों और कीटनाशकों से रहित होते हैं, जो भोजन की ऊर्जा खत्म कर सकते हैं। स्थानीय रूप से विकसित खाद्य पदार्थ स्रोत के सबसे करीब होते हैं जिसके कारण उनका प्राणिक मूल्य अधिक होता है। ऐसे खाद्य पदार्थ ज़्यादा ताजे होते हैं और इनमें ऐसे खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक प्राण होते हैं जिन्हें लंबी दूरी तक ले जाया जाता है।
भोजन को ज़्यादा पकाने से उसमें मौजूद कई तरह के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं इसलिए कच्चा या हल्का पका हुआ भोजन करना चाहिए। हल्के पके हुए या उबले हुए खाने में ज़्यादा पके भोजन की तुलना अधिक प्राण होते हैं।
- प्रिया मिश्रा
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