Vitamin D Deficiency: विटामिन डी की कमी से पीरियड्स साइकिल पर पड़ता है बुरा असर, जानिए कैसी रखें डाइट

Vitamin D Deficiency
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आजकल महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या काफी परेशान कर रही है। बता दें कि शरीर में कई विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होने पर भी पीरियड्स साइकिल पर असर पड़ सकता है। या फिर पीरियड्स क्रैम्प्स बढ़ सकती है।

आजकल महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या काफी परेशान कर रही है। महिलाओं को हर महीने पीरियड्स समय पर होना जरूरी होता है। वहीं पीरियड्स का डिले होना, समय से पहले होना या फिर पीरियड्स का स्किप होना तीनों ही सही नहीं माने जाते हैं। दरअसल, यह तीनों ही बातें हमारी सेहत से जुड़े कई संकेत देती है। ऐसे में अगर आपको पीरियड्स सही समय पर नहीं आते हैं या फिर पीरियड्स में फ्लो कम रहता है, तो शरीर में जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है। 

बता दें कि शरीर में कई विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होने पर भी पीरियड्स साइकिल पर असर पड़ सकता है। या फिर पीरियड्स क्रैम्प्स बढ़ सकती है। शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होने पर इसका असर पीरियड पेन और फ्लो पर भी होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको एक ऐसे विटामिन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी शरीर में कमी होने पर आपकी पीरियड साइकिल अनियमित हो सकती है।

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विटामिन-डी की कमी

शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर आपके पीरियड्स अनियंत्रित हो सकते हैं। क्योंकि विटामिन-डी 3 शरीर की इंसुलिन रिलीज करने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इससे ब्लड शुगर लेवल रेगुलेट होने में सहायता मिलती है।

बता दें कि इस विटामिन का सही लेवल ओवरियन फॉल्क्यूल के मैच्योर होने के लिए जरूरी होता है। क्योंकि इस विटामिन की कमी ओव्युलेशन पर भी असर डालती है। वहीं इसका लेवल सही होने पर ओव्युलेशन को हेल्दी बनाकर पीरियड्स को समय पर आने में सहायता करता है।

हार्मोन्स को बैलेंस करने के लिए विटामिन डी 3 बेहद जरूरी होता है। यह बॉडी में एंड्रोजन यानी कि एक्स्ट्रा मेल हार्मोन को कम करती है। वहीं इस हार्मोन के बढ़ने पर हेयर लॉस, एक्ने और अनियमित पीरियड्स की समस्या हो सकती है।

एंड्रोकाइन सिस्टम को रेगुलेट करने में भी विटामिन डी अहम भूमिका निभाता है। यह हार्मोन प्रोडक्शन के लिए जरूरी होता है।

ओवरीज और यूट्रस में विटामिन-डी रिसेप्टर और हार्मोन प्रोडक्शन को रेगुलेट करने में और मेंस्ट्रुअल साइकिल को हेल्दी बनाने में सहायता करता है।  

शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के बैलेंस पर असर होता है और इससे पीरियड्स भी अनियमित होते हैं।

इस विटामिन की कमी से इंसुलिन सेंसिटिविटी पर असर पड़ता है। जिसकी वजह से पीसीओएस की समस्या बढ़ सकती है और पीरियड्स अनियमित होते हैं। वहीं इसका असर फर्टिलिटी पर भी पड़ता है।

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप अपनी डाइट में मिल्क प्रोडक्ट, अंडे, फैटी फिश और सोया प्रोडक्ट्स को शामिल करें। वहीं आप डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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