मधुमेह की है समस्या तो भूल से भी ना करें इन फलों का सेवन
डायटीशियन बताते हैं कि सूखे फल खाने में भले ही स्वादिष्ट लगें, लेकिन इनमें शुगर अधिक कंसन्टेंटेड होती है। इनमें ताजे फलों की तुलना में चार गुना अधिक कार्ब्स हो सकते हैं। वहीं अगर इन फलों के छिलके हटा दिए जाएं तो इसमें फाइबर की मात्रा भी कम हो सकती है।
वैसे तो फलों का सेवन सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना गया है और इसलिए हर किसी को अपनी डाइट में किसी ना किसी रूप में करना चाहिए। लेकिन प्रत्येक फल हर व्यक्ति के लिए सही नहीं माना जाता। दरअसल, हर व्यक्ति की स्वास्थ्य समस्याएं भिन्न होती हैं और इसलिए फलों का चयन उसे अपनी हेल्थ कंडीशन को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। अन्यथा फल उसे फायदा कम और नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि मधुमेह से पीडि़त व्यक्ति को किन फलों के सेवन से बचना चाहिए−
इसे भी पढ़ें: सेहत के लिए हानिकारक है डाइट सोडा, मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज का बढ़ाएं खतरा!
सूखे फल
डायटीशियन बताते हैं कि सूखे फल खाने में भले ही स्वादिष्ट लगें, लेकिन इनमें शुगर अधिक कंसन्टेंटेड होती है। इनमें ताजे फलों की तुलना में चार गुना अधिक कार्ब्स हो सकते हैं। वहीं अगर इन फलों के छिलके हटा दिए जाएं तो इसमें फाइबर की मात्रा भी कम हो सकती है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति मधुमेह से पीडि़त है तो उसे सूखे फलों से बचना चाहिए। साथ ही ऐसे फलों का चयन करना चाहिए, जिनमें शुगर की मात्रा कम हो, ताकि आपक ब्लड शुगर नियंत्रित रहे।
फ्रूट जूस
डायटीशियन विशेष रूप से इस बात पर जोर देते हैं कि एक मधुमेह पीडि़त व्यक्ति को फलों के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। यहां तक कि 100 प्रतिशत फलों का रस भी ग्लूकोज स्पाइक्स का कारण बनता है। दरअसल, फलों को जब जूस में बदला जाता है, तो उसमें मौजूद फाइबर हट जाता है और फिर शरीर को जूस में मौजूद शुगर को ब्रेक डाउन करने में अधिक वक्त नहीं लगता है। जूस जल्दी से मेटाबोलाइज किया जाता है और यह मिनटों के भीतर आपके रक्त शर्करा को बढ़ाता है। इसके अलावा, यह आपकी डेली डाइट में अतिरिक्त कैलोरी बढ़ाता है, जिसके कारण आपको वजन बढ़ने की समस्या भी हो सकती हैं। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्लूबेरी, अंगूर और सेब जैसे फलों का उपभोग टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है, जबकि फलों के रस का सेवन टाइप 2 डायबिटीज के उच्च जोखिम से जुड़ा था।
इसे भी पढ़ें: सेहत के लिए बेहद लाभकारी हैं यह सभी बीज, जानें अनेक फायदे
उच्च−ग्लाइसेमिक फल
डायटीशियन बताते हैं कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) एक निश्चित सूची है, जो यह निर्धारित करती है कि कुछ खाद्य पदार्थ आपके रक्त शर्करा को कैसे प्रभावित करेंगे। मधुमेह पीडि़त व्यक्तियों की डाइट को निश्चित करते समय यह बेहद मददगार हो सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि एक पके हुए फल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जिसका अर्थ है कि यह आपके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाएगा। इसके अलावा, कुछ फलों जैसे अनानास, केला, तरबूज आदि में जी आई का स्तर नेचुरली अधिक होता है और इसलिए उन फलों से मधुमेह पीडि़त व्यक्ति को दूरी बनानी चाहिए।
मिताली जैन
अन्य न्यूज़