Men's Health Week: पुरुष प्रजनन संबंधी समस्याओं न करें अनदेखा, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

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काम की अधिकतता के कारण कई पुरुष अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। जिसका असर जीवन के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। जिसके चलते कई बार इन्फर्टिलिटी की समस्या हो जाती है।

बिजी लाइफस्टाइल के चलते आजकल के समय में ज्यादातर पुरुष अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं। जिससे उनकी सेहत का असर जीवन के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। बता दें कि खराब स्वास्थ्य के कारण पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। दरअसल, ज्यादातर पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य पर खुलकर बात नहीं करते हैं। लेकिन पूरी सेहत की तरह ही प्रजनन सेवन को भी काफी अहम माना जाता है। रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर ध्यान देने से पुरुष फर्टिलिटी और कई तरह के यौन संक्रमण संबंधी समस्याओं से भी बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि पुरुषों द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य पर ध्यान देना क्यों आवश्यक होता है। 

रिप्रोडक्टिव हेल्थ

इन्फर्टिलिटी की समस्या से बचाव के लिए पुरुषों में रिप्रोडक्टिव हेल्थ का बेहतर होना बेहद जरूरी होता है। इसे स्पर्म काउंट कम होना या स्पर्म के मार्ग में रुकावट और पुरुषों के वीर्य में विकार आदि कुछ समस्याओं से जोड़ कर देखा जा सकता है। इसके अलावा धूम्रपान, शराब, खराब डाइट व एक्सरसाइज न करना आदि को इन्फर्टिलिटी के कारण में शामिल किया जा सकता है।

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इन्फर्टिलिटी के लक्षण

बता दें कि इनफर्टिलिटी की समस्या रिप्रोडक्टिव हेल्थ को नजरअंदाज करने से हो सकती है। वहीं पुरुष भी इनफर्टिलिटी होने पर इस बारे में बात करने से बचते हैं। इस समस्या के होने से शारीरिक संबंध बनाने में परेशानी होती है। उदाहरण के तौर पर यौनेच्छा में कमी व इजेकुलेशन की समस्या और पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि शामिल है। इसके अलावा टेस्टिकल में दर्द, सूजन, व गांठ आदि की भी समस्या हो सकती है।

रिप्रोडक्टिव संबंधी समस्याओं की जांच

समय रहते यदि रोग की पहचान कर ली जाए तो उसकी गंभीरता को भी दूर किया जा सकता है। रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी से समस्या की जांच में मरीज के खून की जांच, परिवार की मेडिकल हिस्ट्री और स्पर्म टेस्ट आदि किया जाता है। साथ ही स्पर्म टेस्ट में स्पर्म काउंट, स्पर्म की गतिशीलता के बारे में भी जांच कर समस्या के बारे में जानकारी ली जाती है। 

रिप्रोडक्टिव संबंधी समस्याओं को इलाज

इस समस्या के इलाज में डॉक्टर सबसे पहले मरीज की लाइफस्टाइल में बदलाव कराते हैं। वहीं यदि पुरुषों के प्रजनन मार्ग में इंफेक्शन पाया जाता है, तो मरीज को एंटीबायोटिक्स दवाएं दी जाती हैं। वहीं इरेक्टाइल डिसफंक्शन या प्री मैच्योर इजेकुलेनश की समस्या से निजात पाने के लिए भी दवाएं दी जाती है। इसके साथ ही ओलिगोस्पर्मिया, एजूस्पर्मिया और टेस्टिस में ब्लॉकेज होने पर टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रेक्शन तकनीक अपनायी जाती है। 

बता दें कि आज के समय में इस समस्या को दूर करने के लिए आईवीएफ जैसी नई तकनीकी आ गई हैं। जिसके माध्यम से इनफर्टिलिटी को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही योग और एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, रिप्रोडक्टिव संबंधी किसी भी समस्या को नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इससे यह समस्या और बढ़ सकती है। पुरुषों को प्रजनन स्वास्थ्य की समस्या महसूस होने पर फौरन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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