क्या आप भी रहती हैं कमर दर्द की समस्या से परेशान? जानिए इसके होने का कारण...
बीमारी से जुड़ी रिसर्च में सामने आया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कमर दर्द और साइटिका दर्द की समस्या अधिक रहती हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि जो जीन संस्करण पुरुषों में दर्द को दबाता है वो ही महिलाओं में पुराने दर्द को बढ़ाता है।
अधिकतर लोग अपने जीवन में कभी न कभी कमर दर्द की समस्या से परेशान होते हैं। आजकल ये समस्या युवाओं में भी देखने को मिलती है। हालांकि, पहले ये समस्या 35 से ऊपर आयु के लोगों में देखने को मिलती थी। चिकित्सकों के अनुसार कमर दर्द की समस्या तब होती है जब व्यक्ति का ज्यादा वजन बढ़ा हो, शारीरिक सेहत खराब हो या वो शारीरिक तौर पर ज्यादा कठिन कार्य करते हों। वहीं, क्या आप जानते हैं कि आपका जेंडर भी आपको पीठ के निचले हिस्से यानि कमर दर्द के जोखिम में डाल सकता है?
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बीमारी से जुड़ी रिसर्च में सामने आया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कमर दर्द और साइटिका दर्द की समस्या अधिक रहती हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि जो जीन संस्करण पुरुषों में दर्द को दबाता है वो ही महिलाओं में पुराने दर्द को बढ़ाता है। शोध की मानें तो लगभग 70 फीसदी महिलाओं को गर्भावस्था के समय कमर दर्द की समस्या होती है। ऐसा भी देखा गया है कि बच्चे हो जाने के बाद महिलाओं को कमर दर्द की समस्या अधिक रहती है। महिलाओं के लिए चलना-फिरना भी कमर दर्द की समस्या को बढ़ावा देता है। आज हम आपको कुछ ऐसे कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे पैदल चलने पर भी महिलाओं को पीठ दर्द की समस्या होती है, आइए जानते हैं...
मांसपेशियों में थकावट
अधिक वजन होने से पैदल चलने के दौरान कमर में दर्द होना आम बात है। शरीर में फैट का वितरण होना इसका कारण माना जाता है। मोटे या अधिक वजन वाले लोगों का निचला शरीर ज्यादा वजन सहन करता है और उन्हें चलने के दौरान कमर दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मांसपेशियों में थकावट हो जाती है, जिससे दर्द की समस्या होने लगती है। चिकित्सकों के अनुसार ज्यादा समय तक खड़े रहने या चलने पर भी कमर दर्द की समस्या हो सकती है। मांसपेशियों में ढीलापन लाने के लिए योग या व्यायाम मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा पीठ और पैर को भी राहत देने के लिए आराम या मसाज करें, साथ ही स्वस्थ वजन बनाए रखें।
ओवरस्ट्रेचिंग
ओवरस्ट्रेचिंग से मांसपेशियों में दर्द होना आम बात है। एक्ससाइज, योग या फिर शरीर को गलत तरह से मूव करने पर मांसपेशियों में मोच आ जाती है। जिसके कारण सूजन, चोट और दर्द की समस्या हो सकती है।
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मांसपेशियों का ऐंठना
मांसपेशियों में मोच आना और खिंचाव होना ऐंठन से थोड़ा अलग है। चिकित्सकों के अनुसार मांसपेशियों का ज्यादा बार गलत तरह मूव हो मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या कर सकता है। ऐसे में रीढ़ की हड्डी पर दबाब होता है, इससे पीठ का निचला हिस्सा यानि कमर की मांसपेशियों में कसावट हो जाती है और दर्द की समस्या होने लगती है। हालांकि, ये समस्या हीटिंग पैड का इस्तेमाल करने से दूर हो सकती है।
खराब पॉश्चर
खराब पॉश्चर से भी कमर में दर्द की समस्या हो सकती है। गलत तरह से घुमना या पैदल चलना या फिर बैठना दर्द को बुलावा दे सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खराब पॉश्चर, आगे की ओर झुकना और लाइफस्टाइल की अन्य आदतों के कारण कमर दर्द की समस्या हो सकती है।
अकड़न
पीठ के निचले हिस्से के मांसपेशियों का अधिक सिकुड़ जाना या अकड़ जाना भी कमर दर्द की समस्या का कारण माना जाता है। इस समस्या से अधिक्तर महिलाएं परेशान हैं। मांसपेशियों का अधिक सिकुड़ने या अकड़ने पर कमर अंदर की तरफ घुस जाती है और कूल्हे यानि हिप्स ऊपर की ओर निकल जाते है। ऐसे में शरीर का आकार भी काफी भद्दा दिखने लगता है। ये मोटापे, ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स और रीढ़ की हड्डी में चोट लगने जैसी स्थितियों से होने की संभावना रहती है। इनसे बचने के लिए डॉक्टर्स द्वारा पेन किलर, वेट मैनजमेंट या फिजिकल थैरेपी की सलाह दी जाती है।
- सिमरन सिंह
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