Men's Mental Health । तनाव और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं 40 प्रतिशत पुरुष, जाहिर नहीं कर पाते अपनी फीलिंग, ऐसे करें पहचान
एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के लगभग 40 प्रतिशत पुरुष इस समय डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को झेल रहे हैं। ये आंकड़ा चौकाने वाला है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर सोसायटी में खुलकर चर्चा होने के बावजूद आज भी पुरुष अपने संघर्ष और भावनाओं को छुपाने के दबाव महसूस करते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा सिर्फ महिलाओं से जुड़ा हुआ नहीं है। पुरुष भी मानसिक स्वास्थ्य से जुडी परेशानियों का सामना करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के लगभग 40 प्रतिशत पुरुष इस समय डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को झेल रहे हैं। ये आंकड़ा चौकाने वाला है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर सोसायटी में खुलकर चर्चा होने के बावजूद आज भी पुरुष अपने संघर्ष और भावनाओं को छुपाने के दबाव महसूस करते हैं। पुरुष अपनी भावनाओं को क्यों छुपाते हैं? किस प्रकार से उनकी परेशानी को पहचाना जा सकता है? पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के क्या किया जा सकता है? चलिए जानते हैं-
पुरुष अपनी भावनाएँ क्यों छिपाते हैं?
सामाजिक उम्मीदें- पारंपरिक मर्दाना मानदंड कहते हैं कि पुरुष रोते नहीं हैं। पुरुषों को कठोर और मजबूत होना चाहिए। सोसायटी के इन पारंपरिक मर्दाना मानदंडों ने पुरुषों की मानसिक स्थिति खराब कर रखी है। इनकी वजह से पुरुष अपनी भावनाओं को खुलकर किसी के सामने कह नहीं पाते हैं।
कमजोर दिखने का डर- ज्यादातर पुरुषों को लगता है कि अगर वह अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बार करेंगे तो सोसायटी उन्हें कमजोर और असमर्थ समझेगी। इस डर से बहुत से पुरुष अपनी भावनाओं को छुपाते हैं और अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सामाजिक कलंक के कारण भी बहुत से पुरुष मदद मांगने से परहेज करते हैं।
फीलिंग जाहिर करने के लिए शब्द नहीं है- ये एक कड़वी सच्चाई है कि बहुत से पुरुषों को पता ही नहीं होता है कि उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य पर लोगों से कैसे बात करनी है। मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर बात हो रही है, लेकिन इस मुद्दे पर चर्चा कैसे करनी है, कहाँ से शुरुआत करनी है, शायद ही कोई पुरुषों को बताता है।
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पुरुषों में लक्षणों की पहचान कैसे करें?
सामाजिक गतिविधियों से दूरी- मानसिक परेशानी का अनुभव कर रहे पुरुष सामाजिक गतिविधियों से दूरी बनाने लगते हैं। ऐसे लोग दोस्तों के साथ पार्टी करना छोड़ देते हैं, परिवार के साथ समय बिताने के बजाय अकेले रहने लगते हैं।
व्यवहार में परिवर्तन- अगर कोई पुरुष मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है तो उनके व्यवहार में अचानक परिवर्तन आ सकता है। शांत रहने वाला व्यक्ति अचानक चिड़चिड़ा हो सकता है, हर बात पर उसे गुस्सा आ सकता है, मूड स्विंग्स अनुभव हो सकते हैं, शराब का ज्यादा सेवन करना शुरू कर सकता है। ये सभी ध्यान देने वाले मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत हैं।
भावनात्मक मुखौटा- पुरुष अपनी परेशानियों को जाहिर होने के रोकने के लिए अक्सर हँसते हुए नजर आ सकते हैं। जरुरत से ज्यादा हंसकर परेशानी को छुपाया जा सकता है। हँसते हुए इंसान सभी को खुश नजर आते हैं और कोई उनसे परेशानी नहीं पूछता, इसलिए पुरुष भी अपनी परेशानियों को छिपाने के लिए हंसने का सहारा लेते हैं।
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