Mesh Sankranti 2025: मेष संक्रांति पर सूर्य देव की उपासना का होता है विशेष महत्व, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि

Mesh Sankranti 2025
Creative Commons licenses

इस बार 14 अप्रैल 2025 को मेष संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन बहुत खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन मेष राशि में सूर्य देव प्रवेश करते हैं। जिसको सौर वर्ष का पहला दिन माना जाता है।

हिंदू धर्म में मेष संक्रांति का विशेष महत्व होता है। यह सौर नववर्ष के शुरूआत का प्रतीक मानी जाती है। मेष संक्रांति का पर्व फसल के नए मौसम की शुरुआत, आध्यात्मिक उत्थान और प्रकृति में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन बहुत खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन मेष राशि में सूर्य देव प्रवेश करते हैं। जिसको सौर वर्ष का पहला दिन माना जाता है। क्योंकि ज्योतिष में मेष को 12 में से पहली राशि माना जाता है, इसलिए इसको नवचक्र की शुरूआत के रूप में देखा जाता है। मेष संक्रांति को आत्मिक विकास और भीतरी परिवर्तन के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 14 अप्रैल की सुबह 03:30 मिनट पर सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। उदयातिथि के मुताबिक 14 अप्रैल 2025 को मेष संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है।

इसे भी पढ़ें: Chaitra Purnima 2025: चैत्र पूर्णिमा पर चंद्रदेव की पूजा का होता है विशेष महत्व, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि

पूजन विधि

मेष संक्रांति के दिन आपको गंगा, यमुना या फिर गोदावरी जैसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर आपके लिए नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर पर नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। इससे न सिर्फ शरीर बल्कि मन की भी शुद्धि होती है।

फिर स्वच्छ कपड़े पहनें और तांबे के पात्र में जल, लाल पुष्प, रोली, गुड़ और अक्षत डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद 'ऊँ सूर्याय नम:' जैसे मंत्रों का उच्चारण करें। फिर सू्र्य चालीसा या आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। पूजा स्थान को धूप-दीप और फूलों से सजाएं और फिर सूर्य देव को भोग लगाकर प्रसाद बांटें। भारत के तमाम हिस्सों में मेष संक्रांति को विविध नामों से जाना जाता है। इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़