Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा व्रत से प्राप्त होता है सौभाग्य

Vaishakh Purnima
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वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही महान दार्शिनक तथा विचारक गौतम बुद्ध का 563 ईसा पूर्व में जन्म हुआ था। यही नहीं 531 ईसा पूर्व निरंजना नदी के तट पर पीपल के पेड़ के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

आज वैशाख पूर्णिमा है, हिन्‍दू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्‍व होता है। वैशाख मास बहुत पवित्र होता है, तो आइए हम आपको वैशाख पूर्णिमा के महत्व तथा पूजा विधि के बारे में बताते हैं।

वैशाख पूर्णिमा पर रखें सत्य विनायक व्रत, मिलेगा पुण्य

वैशाख  पूर्णिमा पर सत्य विनायक व्रत रखने का भी विधान है। पंडितों का मानना है कि इस दिन सत्य विनायक व्रत रखने से व्रती की सारी दरिद्रता दूर हो जाती है। अपने पास मदद के लिए आए भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा (ब्राह्मण सुदामा)को भी इसी व्रत का विधान बताया था जिसके पश्चात उनकी गरीबी दूर हुई। वैशाख  पूर्णिमा को धर्मराज की पूजा करने का विधान है। पंडितों का मानना है कि धर्मराज सत्यविनायक व्रत से प्रसन्न होते हैं।  इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्रती को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।

जानें वैशाख पूर्णिमा के बारे में 

हिन्‍दू धर्म में हर महीने की पूर्णिमा विष्णु भगवान को समर्पित होती है। हर पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। उसी प्रकार वैशाख पूर्णिमा भी बहुत खास होती है। इस महीने में होने वाली पूर्णिमा के दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में और चांद भी अपनी उच्च राशि तुला में होता है। पंडितों का मानना है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन किया गया स्नान कई जन्मों के पापों का नाश करता है। इस साल वैशाख पूर्णिमा 22 मई को पड़ रही है।

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वैशाख पूर्णिमा का बुद्ध से खास है विशेष सम्बन्ध

वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही महान दार्शिनक तथा विचारक गौतम बुद्ध का 563 ईसा पूर्व में जन्म हुआ था। यही नहीं 531 ईसा पूर्व निरंजना नदी के तट पर पीपल के पेड़ के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। साथ ही महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण भी वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुआ था इसलिए बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा का खास  महत्व होता है। 

वैशाख पूर्णिमा पर इन कामों से होगी परेशानी  

वैशाख पूर्णिमा बहुत पवित्र दिन होता है, इसलिए इस दिन विशेष प्रकार के काम न करें। इस दिन सदैव शाकाहार ग्रहण करें तथा मांसाहार का सेवन कभी नहीं करें। यह दिन पितरों के तर्पण के लिए खास माना जाता है इसलिए वैशाख पर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान कर हाथ में तिल लेकर पितरों क तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।  

 वैशाख पूर्णिमा पर लक्ष्मी जी को ऐसे करें प्रसन्न

वैशाख पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा, विष्णु भगवान और लक्ष्मी जी पूजा करने से सभी दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है। चन्द्रमा को सफेद रंग भाता है इसलिए दूध और शहद इत्यादि का दान करें। इससे मान-सम्मान बढ़ता और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन रात में खीर बनाकर चन्द्रमा को भोग लगाएं । इससे जीवन में सुख बढ़ेगा। इस दिन गणेश जी और हनुमान जी की अराधना से भक्त को लाभ मिलता है।

बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म के अनुयायी मनाते हैं वैशाख पूर्णिमा 

बौद्ध धर्म के अनुयायी और हिन्दू भक्त दोनों ही वैशाख पूर्णिमा को बहुत श्रद्धा से मनाते हैं। भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इस प्रकार विष्णु भक्त भगवान बुद्ध में विष्णु रूप को देखते हैं और उनकी अराधना करते हैं। 

ऐसे मनाएं वैशाख पूर्णिमा, होगा फलदायी  

हिन्दू धर्म में वैशाख महीना बहुत खास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि वैशाख महीने की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से विष्णु भगवान का आर्शीवाद प्राप्त होता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सूर्य उदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद स्नान करने के लिए बाल्टी के पानी में गंगाजल डाल लें। इस विशेष अवसर पर घर के मंदिर में विष्णु भगवान की पूजा करें और उनकी प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं । साथ ही घर के मुख्य दरवाजे पर रोली, हल्दी या कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर वहां गंगा जल छिड़क दें। वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा करने के बाद गरीबों को भोजन करवाकर उन्हें कपड़े भी दान करें। इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा के दिन अगर आपके घर में पिंजरे में कैद पक्षी हो तो उसे आजाद कर आकाश में उड़ा दें आपको बहुत पुण्य मिलेगा। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का विशेष महत्व होता है इसलिए शाम को उगते चंद्रमा को जल चढ़ाएं।

जानें वैशाख पूर्णिमा व्रत के लाभ

पूर्णिमा हर माह में एक बार आती है। पूर्णिमा सुख, शांति, वैभव और समृद्धि का प्रतीक है। पूर्णिमा का उपवास रखने से शरीर और मन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इस व्रत के माध्यम से मन और शरीर को आराम करने का अवसर मिलता है। पूर्णिमा के दिन कई प्रकार के अध्यात्मिक और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दिन पूजा-अर्चना करने से घर में शुभता आती है। इस व्रत के प्रभाव से चंद्रमा मजबूत होता है। यह व्रत परम कल्याणकारी माना गया है।

कब है वैशाख पूर्णिमा 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 मई, 2024 दिन बुधवार शाम 06 बजकर 47 मिनट पर वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 23 मई, 2024 दिन गुरुवार शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए वैशाख पूर्णिमा 23 मई, 2024 को मनाई जाएगी।

- प्रज्ञा पाण्डेय

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