Chandra Darshan 2025: अमावस्या तिथि के बाद चंद्र दर्शन का माना जाता है विशेष महत्व, जानिए महत्व और पूजन विधि

Chandra Darshan 2025
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वैशाख माह की अमावस्या तिथि के बाद चंद्र दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन जातक व्रत करते हैं और चंद्रमा व गुरु के बीज मंत्रों का जाप करते हैं। आज के दिन सप्त अन्न दान करना बहुत फलित होता है।

आज यानी की 28 अप्रैल 2025 को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन भगवान शिव के साथ ही मां दुर्गा की पूजा-उपासना की जाती है। वहीं इस दिन शिवपुराण का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। वैशाख माह की अमावस्या तिथि के बाद चंद्र दर्शन का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन जातक व्रत करते हैं और चंद्रमा व गुरु के बीज मंत्रों का जाप करते हैं। आज के दिन सप्त अन्न दान करना बहुत फलित होता है। चंद्र दर्शन के दिन जो भी जातक उपवास करते हैं वह रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलते हैं। तो आइए जानते हैं इस दिन के शुभ मुहू्र्त और महत्व के बारे में...

शुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन का समय

अभिजीत- सुबह 11:54 से दोपहर 12:45 तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02:21 से दोपहर 03:24 तक

गोधुली मुहूर्त- शाम 06:23 से 07:22 तक

ब्रम्ह मुहूर्त- सुबह 04:05 से 05:09 तक

अमृत काल- सुबह 06:02 से 07:43 तक

चंद्र दर्शन का समय- शाम 06:55 से 07:43

महत्व

अमावस्या के बाद आने वाली प्रतिपदा तिथि को शिवलिंग का पूजन करना फलदायी होता है। परमब्रह्म शिव साकार और निराकार दोनों हैं। इस दिन भगवान शिव के अलावा मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से जातक को जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है। वहीं इस दिन गाय को  गुड़, चारा, रोटी और पालक इत्यादि खिलाने से अखण्ड पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए।

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