शेयर मार्किट क्या है? डिजिटल तरीके से शेयर मार्किट से कैसे कमाएं पैसे?
देखा जाए तो शेयर बाजार देखते ही देखते अब एक ऐसा बाजार बन गया है जहां पर कोई भी व्यक्ति महज एक दिन में ही करोड़पति बन सकता है। कमोबेश शेयर बाजार पैसे कमाने के लिए एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है, बशर्ते कि इसे सीखने-समझने में आपकी रुचि हो और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता भी।
वर्तमान कालखंड में सभी लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाना चाहते हैं। इसके लिए वे लोग सभी संभव तौर तरीकों को आजमाते हैं, जिसकी उन्हें जानकारी है या डिजिटल रूप में गूगल से हासिल कर पाते हैं या फिर कोई सफल परिचित पेशेवर गाहे बगाहे उन्हें दे जाता है। खासकर कोरोना काल में अधिकतर लोग ऑनलाइन घर बैठे ही पैसे कमाना चाहते हैं और इसके लिए कोई स्थायी काम करना चाहते हैं, जिसमें वो पूरे सप्ताह व्यस्त भी रहें। ऐसे में सबका ध्यान शेयर मार्किट की ओर जाता है, जो अब एक हद तक डिजिटल भी हो चुका है। ऐसे में अमूमन हमारे समक्ष यही सवाल पैदा होता है कि आखिर शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाएं।
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यूं तो आज के समय में सभी के पास स्मार्टफोन के साथ-साथ सभी सुविधाएं मौजूद हैं। आज इंटरनेट कनेक्शन भी काफी सस्ता हो चुका है। इसीलिए सभी शेयर मार्किट से पैसा कमाने के तरीके जानना चाहते हैं। वैसे तो शेयर मार्किट से पैसे कमाने के बहुत से तरीके हैं। लेकिन शेयर मार्किट से पैसे कमाने के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना होगा कि आखिर शेयर मार्किट क्या है और इससे पैसे कैसे कमाएं जा सकते हैं। यहां पर पैसे कमाने के लिए कितनी पूंजी की जरूरत है और उसे सुरक्षित रखते हुए कैसे उसे बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि शेयर मार्किट में रिस्क भी कम नहीं है। थोड़ी सी नीतिगत चूक से बहुत सारे पैसे डूब भी सकते हैं।
देखा जाए तो शेयर बाजार देखते ही देखते अब एक ऐसा बाजार बन गया है जहां पर कोई भी व्यक्ति महज एक दिन में ही करोड़पति बन सकता है। कमोबेश शेयर बाजार पैसे कमाने के लिए एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है, बशर्ते कि इसे सीखने-समझने में आपकी रुचि हो और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता भी। दरअसल, शेयर एक कंपनी के ओनरशिप की एक यूनिट को रिप्रेजेंट करता है, जहाँ से आप शेयर खरीदते हैं। मान लीजिये कि आपने किसी कंपनी के 200 रुपये के शेयर खरीदे हैं और किसी कम्पनी के 400 रुपये के। इस प्रकार आप इन दोनों कम्पनी के शेयर धारक बन जाते हैं। इससे आप कभी भी उस कम्पनी के शेयर को बेच सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश करने से आप बहुत अच्छे पैसे कमा सकते हैं और अपने सभी संभव सपनों को पूरा कर सकते हैं।
यदि आप शेयर खरीदकर किसी कंपनी में पैसा लगा रहे हैं तो जैसे-जैसे कंपनी बढ़ेगी वैसे वैसे ही आपके शेयर की कीमत भी बढ़ेगी। फिर आप बाजार में मौके देखकर चौका लगाते हुए अपने शेयर बेचकर बहुत अच्छे पैसे कमा सकते हैं। हालांकि, ऐसे बहुत से अलग अलग फैक्टर हैं जो एक शेयर की कीमत को प्रभावित करते हैं। आप जानते ही हैं कि कभी कभी शेयर की कीमत बढ़ जाती है तो कभी कभी लुढ़क भी जाती है। फिर भी ज्यादा लम्बे समय के लिए निवेश करने से शेयर की कीमत में गिरावट को कम किया जा सकता है।
सबसे पहले आप यह जनिए कि कंपनी जनता को शेयर क्यों बेचती है? वास्तव में, एक कंपनी को अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा धन की आवश्यकता होती है। इसलिए ज्यादातर कंपनी अपने शेयर बेचकर लोगों से पैसे जुटाती है, जिससे वह अपने कारोबार को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा सके।
पहली बात, आपने हमेशा लोगों को बुल मार्किट और बेयर मार्किट के बारे में बातचीत करते सुना होगा। इसलिए आपको बता दें कि बुल मार्किट वह है जहां शेयरों की कीमतें बढ़ती रहती हैं। वहीं, बेयर मार्किट वह है जहां शेयरों की कीमतें गिरती रहती हैं। दूसरी बात, इन सभी शेयर्स की खरीद और बिक्री एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में होती है। भारत में ये दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, जो सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) द्वारा विनियमित हैं। आपको बता दें कि स्टॉक एक्सचेंज और निवेशकों के बीच ब्रोकर एक मीडिएटर के रूप में काम करते हैं।
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शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सबसे पहले आपको अपना एक डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। अब डिजिटल या ऑनलाइन बैंकिंग के दौर में डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बहुत ही आसान है। आप किसी भी बैंक में जाकर यह दोनों अकाउंट खुलवा सकते हैं। डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलने के बाद आप शेयर मार्किट में निवेश भी कर सकते हैं। आजकल ये एकाउंट ऑनलाइन भी खुल रहे हैं। सिर्फ कुछ औपचारिकताओं के लिए बैंक जाना पड़ता है।
शेयर मार्किट आज के समय में छोटी कंपनी से लेकर बड़ी कंपनी को भी अपने कारोबार को आगे ले जाने के लिए धन जुटाने के लिए सहायता प्रदान करती है। वहां इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के माध्यम से, कंपनियां जनता को शेयर जारी करती हैं और बदले में विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने वाले धन प्राप्त करती हैं। कंपनी इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के बाद स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो जाती है। इससे आम आदमी को कंपनी में निवेश करने का अवसर मिलता है और कंपनी की दृश्यता भी बढ़ती है।
अपनी रणनीति के मुताबिक शेयर मार्किट में आप एक व्यापारी या निवेशक हो सकते हैं। व्यापारी थोड़े समय के लिए स्टॉक रखते हैं, जबकि निवेशक लंबी अवधि के लिए स्टॉक रखते हैं। इसलिए अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुसार, आप अपने निवेश उत्पाद का चयन कर सकते हैं।
कंपनी के निवेशक अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इस निवेश का उपयोग कर सकते हैं। यह निवेश के लिए प्रमुख प्लेटफार्मों में से एक है, क्योंकि यह तरलता प्रदान करता है। उदाहरण स्वरूप, आप जरूरत के आधार पर कभी भी शेयर खरीद या बेच सकते हैं। यानी वित्तीय परिसंपत्तियों को कभी भी नकदी में बदला जा सकता है। इसलिए यह धन सृजन के पर्याप्त अवसर प्रदान करता है।
आप अच्छी तरह से जानते हैं कि आप शेयरों में निवेश करके बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं। ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनके माध्यम से आपका पैसा बढ़ता है। पहला,
डीविडेंट्स वे लाभ हैं जो कंपनी कमाती है और इसे शेयर धारकों के बीच नकद के रूप में वितरित किया जाता है। यह आपके द्वारा साझा किए गए शेयरों की संख्या के अनुसार ही वितरित किया जाता है।
दूसरा, कैपिटल ग्रोथ वे लाभ हैं जहां इक्विटी शेयर्स में निवेश से पूंजी की वृद्धि होती है। शेयर मार्किट में आपका निवेश जितने ज्यादा समय के लिए होगा, आपको उतना ही ज्यादा रिटर्न मिलेगा। शेयरों में निवेश जोखिम के साथ भी जुड़ा हुआ है। इसलिए आपकी जोखिम की भूख आपकी उम्र, आश्रितों और जरूरतों पर आधारित है। यदि आप नौजवान हैं और आपके पास कोई डिपेंडेंट नहीं है तो आप अधिक पैसे कमाने के लिये इक्विटी में भी अधिक निवेश कर सकते हैं।
तीसरा, बायबैक वे लाभ हैं, जहां कंपनी मार्किट वैल्यू से अधिक मूल्य देकर निवेशकों से अपना हिस्सा वापस खरीदती है जब शेयरों में भारी नकदी होती है या अपने ओनरशिप को मजबूत करने के लिए वह यह शेयर खरीदती है।
चतुर्थ, शेयर मार्किट टिप्स के आधार पर विभिन्न निवेशक विभिन्न निवेश लक्ष्यों के साथ शेयर बाजार में प्रवेश करते हैं। कुछ को जल्दी और उच्च रिटर्न की उम्मीद रहती है तो कुछ लंबी अवधि के निवेश और एक मजबूत संतुलित पोर्टफोलियो की योजना बनाकर फूंक फूंक कर कदम रखते हैं। हालांकि प्रत्येक निवेशक को अस्थिरता से सुरक्षा के लिए निवेश यात्रा के दौरान कुछ शेयर बाजार के सुझावों का भी पालन करना चाहिए। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
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पंचम, सेट गोल्स के आधार पर शेयर बाजार के विभिन्न निवेश सुझावों में से एक लक्ष्य के साथ निवेश करना होता है। इसके अंतर्गत किसी भी निवेश को शुरू करने से पहले, इसे अस्थायी या लम्बा लक्ष्य से जोड़ना अत्यधिक रेकमेंडेड है। यह निवेश की अवधि, लक्ष्य राशि, आदि के बारे में बेहतर स्पष्टता देता है। यदि आपको कम अवधि में निवेश रिटर्न की आवश्यकता होती है, तो आप निवेश के अन्य साधनों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि यदि आपके पास निवेश की लंबी अवधि है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है।
छठा, अंडरस्टैंड रिस्क टॉलरेंस अंतर्गत शेयर बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए, किसी भी निवेश के लिए अपने जोखिम टॉलरेंस को पहले समझना उचित है। रिस्क टॉलरेंस निवेश यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो निवेशक से निवेशक में भिन्न होता है। यह अनिवार्य रूप से बाजार के उतार-चढ़ाव को सहन करने की क्षमता और निवेश के मूल्य पर इसका प्रभाव पड़ता है। एक निवेशक की कम-जोखिम सहिष्णुता या तो नुकसान की भूख पर निर्भर करती है या अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाले बाजार के दौरान चिंता को सहन करने की क्षमता पर निर्भर करता है। कम जोखिम वाले निवेशक अक्सर अपनी सिक्योरिटीज को गलत समय पर बेचने से घबराते हैं।
सातवां, पिक द करेक्ट स्टॉक्स की रणनीति के तहत आपको पेन्नी स्टॉक और किसी भी स्टॉक में वर्ड ऑफ माउथ के आधार पर निवेश करने से बचना चाहिए। अधिक उचित रूप से शोध और मजबूत कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर शेयरों में निवेश करना चाहिए। इस शेयर बाजार के टिप का एक और बड़ा लाभ यह है कि मजबूत प्रदर्शन वाली कंपनियां बाजार में उतार-चढ़ाव को बेहतर ढंग से झेल सकती हैं और लंबे समय में निवेश पर बेहतर रिटर्न की मजबूत संभावना देती हैं।
आठवां, कंट्रोल इमोशन्स की रणनीति भी है, जिसके तहत शेयर बाजार के निवेश के रास्ते में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक निर्णय लेते समय भावनाओं को नियंत्रित करने में निवेशकों की अक्षमता है। कंपनियों के समग्र बाजार प्रदर्शन और कीमतें अल्पावधि में निवेशकों की भावनाओं को दर्शाती हैं। यह भी अक्सर समूह मानसिकता का कारण बनता है, जहां निवेशक का निर्णय अन्य निवेशकों के कार्यों से अत्यधिक प्रभावित होता है। हालांकि, तार्किक रूप से निर्णय लेने के लिए स्थिति का विश्लेषण करके विशेषज्ञ स्टॉक में निवेश करने की सलाह देते हैं, जब आपके पास भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए स्टॉक की उम्मीद करने और निवेश से बाहर निकलने के लिए एक लक्ष्य सुनिश्चित करने का कारण होता है। दूसरे शब्दों में खरीद और बिक्री की रणनीति सबसे अधिक आयात शेयर बाजार उपाय में से एक है।
नवां, अंडरस्टैंड बेसिक्स प्रणाली है, जिसे समझना नितांत जरूरी होता है। इसके तहत किसी भी निवेश उपकरण में निवेश करने से पहले, इसकी मूल बातें समझने के लिए समय निकालना बहुत महत्वपूर्ण है। आम तौर पर निवेशक शेयर बाजार की मूल बातें, इसके कार्य और रणनीतियों को समझने से बचते हैं या फिर उनमें निवेश करने से पहले कंपनियों की शोध रिपोर्ट या प्रदर्शन रिपोर्ट पढ़ने से बचते हैं, क्योंकि इसमें जटिल संख्या, भाषा और तकनीकी शब्दावली शामिल होती है। हालांकि, निवेशक यह समझने में विफल रहते हैं कि शब्दावलियों और रणनीतियों को समझने में लगाए गए ऑनटाइम प्रयास एक बार बुद्धिमान और सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर रिटर्न मिलता है।
दसवां, डाईवर्सिफाय इन्वेस्टमेंट, जिसके अंतर्गत सभी निवेशक विभिन्न निवेश साधनों में निवेश में विविधता लाने और एक अच्छी तरह से संतुलित पोर्टफोलियो को बनाए रखने के लिए अत्यधिक सावधानी रखते हैं। अमूमन, निवेशक अक्सर इक्विटी निवेशों में विविधता लाने के महत्व को नजरअंदाज करते हैं। इक्विटी निवेश में विविधता का तात्पर्य विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों में निवेश से है। एक विविध पोर्टफोलियो एक स्विंग के प्रभाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकता है, क्योंकि अक्सर एक सेक्टर का डाउन ट्रेंड दूसरे के लिए अप ट्रेंड का कारण बनता है।
अब आप यह जानिए कि शेयर मार्केट से रोज कमाई कैसे होती है? दरअसल, स्टॉक मार्किट में दो प्रकार से शेयर की ट्रेडिंग देखने को मिलती है। पहला, आप किसी शेयर को खरीद लेते हैं और बाद में उस शेयर को प्रॉफिट में बेच देते हैं। दूसरा, अगर आप किसी शेयर को खरीद लेते हैं और उसी दिन उस शेयर को प्रॉफिट में बेच देते हैं तो इस तरीके को डे ट्रेडिंग कहा जाता हैं।
अब आप यह समझिए कि शेयर मार्केट से अपनी कमाई कैसे शुरू कर सकते हैं। यदि आप शेयर मार्किट में निवेश करने का सोच रहे हैं तो यह अच्छी बात है, क्योंकि आप इससे बहुत आसानी से पैसे कमा सकते हैं। आपको पहले ही बता चुके हैं कि शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए आपको डीमैट एकाउंट और एक ट्रेडिंग एकाउंट की जरूरत होती है। यदि आपके पास यह दोनों अकाउंट है तो आप शेयर मार्किट में निवेश कर सकते हैं। अगर आपके पास यह दोनों अकाउंट नहीं है तो आपको इन दोनों अकाउंट को खुलवाना होगा, तब जाकर आप शेयर मार्किट में निवेश कर सकते हैं।
अब आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का क्या काम है, इसे समझाते हैं। आपके लिए यह जानना जरूरी है कि हमारे देश में दो कंपनी डीमैट एकाउंट की सर्विस प्रदान करती हैं। शायद आपने इन दोनो कंपनियों का नाम भी सुना होगा। यह दोनों कम्पनियां एनएसडीएल और केडीएसएल है। सभी निवेशकों के शेयर इन दोनों कंपनियों की डिपाजिटरी में सुरक्षित रखे जाते हैं। इन शेयरों के साथ कोई भी ब्रोकर्स किसी भी प्रकार छेड़छाड़ नहीं कर सकता हैं।
वहीं, यदि ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बात की जाये तो हम आपको बताना चाहेंगे कि यह अकाउंट ब्रोकर की कंपनी में ओपन किया जाता है। इस अकाउंट के द्वारा ही किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है। इस अकाउंट में शेयर की खरीदारी-बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रहता है, जिससे निवेशक हर लेन देन की जानकारी स्पष्टता पूर्वक समझ जाता है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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