पंजाब में हुए हमले से जम्मू कश्मीर दहशतजदा, आने वाले दिन होंगे भारी
पड़ोसी राज्य पंजाब के अमृतसर में कुछ दिन पहले हुए आतंकी हमले, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी, के बाद पठानकोट-जम्मू राजमार्ग पर चौकसी की खातिर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है क्योंकि खतरा एक बार फिर बढ़ा है।
पड़ोसी राज्य पंजाब के अमृतसर में कुछ दिन पहले हुए आतंकी हमले, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी, के बाद पठानकोट-जम्मू राजमार्ग पर चौकसी की खातिर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है क्योंकि खतरा एक बार फिर बढ़ा है। इस कवायद के कारण जम्मू कश्मीर में दहशत का माहौल इसलिए है क्योंकि अधिकारी चेता रहे हैं कि आने वाले दिन जम्मू कश्मीर के लिए भारी साबित होंगें।
पंजाब के आतंकी हमले के बाद जम्मू-पठानकोट हाईवे पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जबकि इस आतंकी हमले का साफ असर पंजाब से सटे रियासत के इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। जम्मू सहित सांबा, कठुआ में हाई अलर्ट पहले ही घोषित कर दिया गया था।
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हालांकि पंजाब में आतंकी हमले और आज चार संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद सारे जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट जारी करने की बात कही जा रही है बावजूद उसके सारा राज्य सहमा हुआ है। विशेषकर प्रसिद्ध धार्मिकस्थलों के आसपास रहने वाले और कश्मीर घाटी के वाशिंदे। धार्मिकस्थलों के एरिया में रहने वालों को आतंकी हमलों की पुनर्रावृत्ति का डर है तो कश्मीर में फिदायीन हमलों तथा कार बमों की आशंका की दहशत चेहरों की हवाईयां उड़ा रही हैं।
अधिकारियों ने दावा किया है कि इन घटनाओं के बाद सारे राज्य में सतर्कता को बढ़ाया तो गया लेकिन खुफिया एजेंसियों की खबरों के कारण दहशत फैल रही है। उनका कहना था कि कुछ लोगों द्वारा खुफिया रिर्पोटों को प्रमुखता दिए जाने के बाद लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
असल में खुफिया रिपोर्टें कहती हैं कि आतंकी जम्मू कश्मीर में भी धार्मिकस्थलों पर हमलों को अंजाम दे सकते हैं। यूं तो रघुनाथ मंदिर पर दो बार आतंकी हमला हो चुका है। वैष्णो देवी गुफा तक आतंकी पहुंचे तो कई बार पर हर बार सुरक्षाबलों को सफलता मिली थी। और अब ताजा रपटों के बकौल, वैष्णो देवी का तीर्थस्थान आतंकी हिट लिस्ट में सबसे ऊपर है।
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अधिकारी इसे मानते हैं कि बहुत बड़े भूभाग में फैले वैष्णो देवी तीर्थस्थल की सुरक्षा कर पाना संभव भी नहीं है। तभी तो तीर्थस्थान के बेस कैम्प कटड़ा में एक बार हथगोले का हमला सात श्रद्धालुओं की जान लील चुका है। चारों ओर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आतंकी कई बार शार्टकट रास्तों का इस्तेमाल कर गुफा से मात्र एक-डेढ़ किमी की दूरी पर घात लगा चुके हैं। ‘एक करोड़ से अधिक लोेगों को सुरक्षा प्रदान कर पाना कितना कठिन काम है आप बेहतर समझ सकते हैं,’कटड़ा में तैनात एक वरिष्ठ केरिपुब अधिकारी का कहना था।
आतंकी हमलों के बाद कश्मीर घाटी परेशान है क्योंकि वहां अक्सर ऐसी अफवाहें उड़ती रहतीं हैं कि कुछ कारें चोरी चली गई हैं जिनका इस्तेमाल आतंकियों द्वारा कार-बम के रूप में किया जा सकता है। कोई भी इन अफवाहों को हल्के तौर पर इसलिए नहीं लेता था क्योंकि अभी तक कश्मीर 300 के करीब कार बम हमलों को सहन कर चुका है और इनमें सैंकड़ों की जानें जा चुकी हैं।
स्थिति नियंत्रण में नहीं कही जा रही है। अधिकारी मानते हैं कि सुरक्षाबलों की कामयाबियों ने आतंकियों के जो पांव उखाड़े हैं उन्हें पुनः जमाने के लिए वे एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। और इसी जोर के तहत वे जहां मौका मिले उसे चूकने नहीं देना चाहते।
- सुरेश डुग्गर
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