राजस्थान में भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा अपने लोगों की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है

BJP Congress
Prabhasakshi

झोटवाड़ा विधानसभा सीट से राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काट कर उनके स्थान पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री व जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन राठौड़ को मैदान में उतारा गया है। टिकट काटने पर राजपाल शेखावत के समर्थकों ने भाजपा मुख्यालय पर जाकर जमकर बवाल मचाया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अगले विधानसभा चुनाव के टिकटों को लेकर अंदरूनी गुटबाजी सामने आ रही है। आगामी नवंबर महीने में देश के पांच प्रदेशों- मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान व तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव होने हैं। भाजपा ने अभी तक मध्य प्रदेश में 136 सीटों पर छत्तीसगढ़ में 84 सीटों पर व राजस्थान में 41 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर कांग्रेस पर बढ़त तो बना ली है। मगर भाजपा की सूची में बहुत से मौजूदा विधायकों व पूर्व में प्रत्याशी रहे नेताओं के नाम काट दिए जाने से पार्टी में विरोध की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

विभिन्न चुनावी एजेंसियों द्वारा किये गए सर्वे के आधार पर भाजपा ने पार्टी विरोधी लहर को रोकने के लिए बहुत-सी सीटों पर प्रत्याशियों में फेरबदल किया है। भाजपा द्वारा राजस्थान में 6 लोकसभा व एक राज्यसभा सदस्य को, मध्य प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात लोकसभा सदस्यों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा गया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सहित चार सांसदों को चुनाव मैदान में उतर गया है। हालांकि भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों को उन्हीं सीटों पर मैदान में उतारा है जहां पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। मगर सांसदों को विधानसभा चुनाव में टिकट देने से उस क्षेत्र में विरोध की स्थिति पैदा हो गई है। कई क्षेत्रों में प्रत्याशी पिछले पांच साल से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। वहां सांसदों को टिकट देने से उनमें नाराजगी व्याप्त हो रही है।

इसे भी पढ़ें: Rajasthan Elections: राजस्थान चुनाव लड़ने के लिए AAP पार्टी ने बनाई अक्रामक रणनीति, सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव

राजस्थान के जयपुर में विद्याधर नगर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी मौजूदा विधायक हैं। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव करीबन 31232 वोटों से जीता था। उनका टिकट कटने से उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए यहां तक कह दिया कि मेरा टिकट काटकर मुगलों के सामने घुटने टेकने वालों को टिकट देना कहां का इंसाफ है। हालाँकि बाद में राजवी अपने बयान से पलट गए। दीया कुमारी अभी राजसमंद से सांसद हैं तथा 2013 में सवाई माधोपुर से विधायक रह चुकी हैं।

जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काट कर उनके स्थान पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री व जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन राठौड़ को मैदान में उतारा गया है। टिकट काटने पर राजपाल शेखावत के समर्थकों ने भाजपा मुख्यालय पर जाकर जमकर बवाल मचाया। राजपाल शेखावत कई बार विधायक तथा राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ लगातार दो बार जयपुर ग्रामीण से सांसद का चुनाव जीत चुके हैं।

अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से विधानसभा का टिकट दिया गया है। पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे विकास चौधरी तो अपने टिकट काटने पर रोने लगे तथा कहा कि पैसों के बल पर टिकट दी गई है। हालांकि भागीरथ चौधरी 2003 व 2013 में किशनगढ़ से विधायक रह चुके हैं। 2018 में उनका टिकट काट दिया गया था। फिर 2019 को उनको अजमेर से लोकसभा का टिकट दिया गया था और वह चुनाव जीत गए थे। झुंझुंनूं के सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ को मंडावा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। नरेंद्र कुमार मंडावा से चार चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें वह दो बार हारे व दो बार जीते थे। 2018 में उन्होंने भाजपा टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता था। मगर 2019 में उन्होंने सांसद बनने पर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।

जालौर से लगातार तीन बार के सांसद देवजी पटेल को सांचौर से वन मंत्री सुखराम बिश्नोई के सामने मैदान में उतारा गया है। सांचौर से भाजपा एक बार 2003 में ही जीत पाई थी। सांचौर से सांसद देवजी पटेल को टिकट मिलने से वंचित टिकट दावेदारों में आक्रोश है। वहां सांसद के काफिले को लोगों ने बीच रास्ते में रोका व काले झंडे दिखाकर उनका विरोध जताया और काफिले के वाहनों पर पथराव किया जिससे दो से तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इस उग्र प्रदर्शन से घिरे सांसद देवजी पटेल ने जैसे-तैसे अपनी जान बचायी।

राजस्थान में भाजपा के हिन्दुवादी चेहरे अलवर सांसद महंत बालकनाथ को तिजारा से मैदान में उतारा गया हैं। वहां भाजपा के पूर्व विधायक मास्टर मामन सिंह यादव ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने कि घोषणा कर दी है। राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को सवाई माधोपुर सीट से प्रत्याशी बनाया। किरोड़ीलाल मीणा 5 बार विधायक, दो बार लोकसभा सदस्य व एक बार राज्यसभा सदस्य तथा राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वह एक बार सवाई माधोपुर से विधायक भी रह चुके हैं। राजस्थान में भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी कि अध्यक्षता में एक कमेटी बनायीं है जो बागी प्रत्याशियों को समझाकर मनायेगी। इस कमेटी ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। भाजपा के कई बड़े नेता अलग-अलग जिलों में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें समझा रहे हैं।

मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी, प्रहलाद सिंह पटेल को नरसिंहपुरी, फगन सिंह कुलस्ते को निवास विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं लोकसभा सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम, गणेश सिंह को सतना, प्रीति पाठक को सीधी और उदय प्रताप सिंह को गाडरवारा से प्रत्याशी बनाया गया है। इसके साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर क्रमांक-1 से प्रत्याशी बनाया गया है। मध्य प्रदेश में अब तक घोषित 136 प्रत्याशियों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी शामिल है।

छत्तीसगढ़ से केंद्र सरकार में मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-मोनहता सीट से, सांसद गोमती सांय को पत्थलगांव, सांसद अरुण सांव को लोरमी से प्रत्याशी बनाया गया है। दुर्ग से सांसद विजय बघेल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने पाटन से प्रत्याशी बनाया गया है। विजय बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भतीजे हैं। वहीं आईएएस अधिकारी रहे ओपी चौधरी को रायगढ़ से व नीलकंठ टेकाम को केशकाल से प्रत्याशी बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी टिकट दिया गया है। भाजपा अभी छत्तीसगढ़ में कमजोर मानी जा रही है जहां उनके पास मात्र 14 विधायक ही हैं। हिंदी भाषी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद कई सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को बागियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

राजस्थान में भाजपा से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे सात सांसदों को टिकट मिलते ही कांग्रेस या अन्य दलों के प्रत्याशियों से पहले अपनी ही पार्टी के लोगों में उभर रहे विरोध से पार पाना होगा।। इनमें बड़ा नाम तिजारा से बाबा बालकनाथ, किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी, सांचौर से देवजी पटेल हैं जो अपनों से ही घिर रहे हैं। बीजेपी मुख्यालय पर राज्यवर्धन गो बैक और विजय बैंसला के लिए बाहरी भगाओ देवली-उनियारा बचाओ के नारे लगे हैं। चुनाव में दीया कुमारी को छोड़कर अन्य सांसदों का कड़ा इम्तिहान है। श्रीगंगानर, बांदीकुई, झुंझुंनूं, कोटपूतली, बानसूर, सुजानगढ़ समेत 10 सीटों पर ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्होंने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के बेटे विजय बैंसला को देवली-उनियारा से कड़ी चुनौती मिल सकती है। उन्हें बाहरी बताकर विरोध शुरू हो गया है।

भाजपा में कुछ दिनों पूर्व ही घर वापसी करने वाले सुभाष महरिया को सीकर के लक्ष्मणगढ़ में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सामने उतारा गया है। सहाड़ा से भाजपा प्रत्याशी लादूलाल पीतलिया के सामने कौन लड़ेगा यह तय नहीं है। हालांकि उपचुनाव में उन्होंने जो विरोध किया वह याद दिलाया जा रहा है। उन्होंने अमित शाह के नाम से धमकाने का आरोप लगाया था और कांग्रेस सरकार ने तो पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। ये बातें अब पार्टी के अंदर और विधानसभा क्षेत्र में मुद्दा बन रही हैं।

-रमेश सर्राफ धमोरा

(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं। इनके लेख देश के कई समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।)

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़