Exam Tips: इस तरह करेंगे पढ़ाई तो एग्जाम के दौरान नहीं होगा स्ट्रेस, फोकस्ड रहने में मिलेगी मदद

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परीक्षाएं एकेडमिक लाइफ का एक अहम हिस्सा होती हैं। एग्जाम के दौरान हर छात्र को तनाव महसूस होता है। ऐसे में अगर आप भी एग्जाम के दौरान स्ट्रेस महसूस करते हैं, नीचे बताए गए टिप्स अपना सकते हैं।

शायद ही कोई ऐसा स्टूडेंट होगा, जिसको एग्जाम देना अच्छा लगता होगा। परीक्षा के दिनों में बच्चों में काफी ज्यादा स्ट्रेस देखने को मिलता है। आपको बता दें कि एग्जाम के दौरान इस बढ़ी हुई चिंता को ही एग्जाम फीवर कहते हैं। हांलाकि परीक्षा को लेकर होने वाला तनाव ध्यान केंद्रित करने और फोकस्ड रहने में सहायता करता है, तो वहीं हद से ज्यादा यदि तनाव बढ़ जाए, तो यह एग्जाम की तैयारी पर निगेटिव असर भी डाल सकता है।

हांलाकि परीक्षाएं एकेडमिक लाइफ का एक अहम हिस्सा होती हैं। एग्जाम के दौरान हर छात्र को तनाव महसूस होता है। ऐसे में अगर आप भी एग्जाम के दौरान स्ट्रेस महसूस करते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव को कैसे कम किया जा सकता है।

बनाएं स्टडी प्लान

एग्जाम की तैयारी करने के लिए एक रियलिस्टिक वीकली या फिर मासिक स्टडी प्लान बनाकर तैयार करें। इसमें हर दिन कवर किए जाने वाले सब्जेक्ट्स की रूपरेखा बनाएं। फिर बनाए गए इस स्डटी प्लान को गंभीरता के साथ फॉलो करें। इस तरह से तैयारी करने से लास्ट मिनट होने वाले स्ट्रेस और घबराहट से बचा जा सकता है।

एक्टिव लर्निंग है जरूरी

आप जो भी पढ़ते हैं, उसको पूरे मन और लगन से पढ़ना चाहिए। इसके अलावा मुख्य बिंदुओं को लिखकर याद करना चाहिए। बता दें एक्टिव लर्निंग आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही इस दौरान पढ़ी गई चीजें आपको अच्छे तरीके से याद हो जाती हैं।

गलतियों का विश्लेषण

एक कहावत तो आप सबने सुनी होगी, 'प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफेक्ट।' ऐसे में आप भी अपने वीक सब्जेक्ट में अपनी कमियों को ढूंढकर उन पर काम करना शुरू कर दें। क्योंकि गलतियों से सीखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है।

प्रैक्टिस पेपर

अगर आप नियमित रूप से प्रैक्टिस सेट सॉल्व करते हैं, तो इससे आपकी तैयारी काफी ज्यादा अच्छी होगी। इसलिए पिछले साल के क्वेश्चन पेपर को सॉल्व करें। इससे न सिर्फ आपको यह पता चलेगा कि आपको कितनी तैयारी की जरूरत है, बल्कि टाइम मैनजमेंट में भी सहायता मिलेगी। साथ ही समय सीमा के अंदर लिखने की आदत पड़ेगी।

ब्रेक भी जरूरी

मन लगाकर पढ़ना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी ब्रेक लेना भी होता है। इसलिए 3-4 घंटे फोकस्ड होकर पढ़ाई करने के बाद छोटे-छोटे ब्रेक जरूर लें। जिससे आपके दिमाग को भी आराम मिले। ब्रेक के दौरान आप म्यूजिक, स्ट्रेचिंग, चैटिंग या फि स्नैकिंग जो भी आपको पसंद हो वह कर सकते हैं। इस तरह से आप रिफ्रेश हो जाते हैं।

ग्रुप स्टडी

ग्रुप में स्टडी करने के कई फायदे होते हैं। ग्रुप स्टडी में आपको चीजें जल्दी और बेहतर तरीके से याद होती हैं। वहीं दूसरों के साथ बैठकर पढ़ाई करने से आपको दूसरों का भी व्यू प्वाइंट पता चलता है। साथ में बैठकर पढ़ाई करने में मजा भी आता है।

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