जर्मनी में पढ़ाई करें और बढ़िया स्कॉलरशिप भी पाएं
आप कह सकते हैं कि जर्मनी में ऐसी क्या चीज है, जिसके कारण छात्र आकर्षित हो रहे हैं, तो इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वहां उचित शिक्षा की फीस बहुत कम है और न केवल शिक्षा की, बल्कि शिक्षा के बाद काम करने के लिए परमिट भी वहां आसानी से मिल जाता है।
यूरोप में पढ़ाई करना तमाम ब्राइट स्टूडेंट्स का सपना होता है, और बात जब जर्मनी की हो, तो यहां से लोगों का एक खास लगाव होना स्वभाविक है।
यूं भी जर्मनी टेक्नोलॉजी में काफी आगे है और यहां का एजुकेशन सिस्टम भी कई देशों की तुलना में काफी बेहतर माना जाता है। ऐसे में तमाम भारतीय छात्र जर्मनी की ओर पढ़ाई का रूख करते ही हैं। वास्तव में उन्हें काफी सहूलियत भी मिलती है।
इसे भी पढ़ें: रूस में कीजिए डॉक्टरी की पढ़ाई, जानें जरूरी बातें!
चूंकि एजुकेशन डेस्टिनेशन के रूप में हाल-फ़िलहाल जर्मनी काफी पॉपुलर हो रहा है, और वहां क्वालिटी एजुकेशन भी बड़े पैमाने पर मिल रही है, इसलिए स्वाभाविक है कि वहां भारतीय छात्रों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।
एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक वर्ष 7 फ़ीसदी से अधिक भारतीय छात्र वहां पढ़ने जा रहे हैं।
आप कह सकते हैं कि जर्मनी में ऐसी क्या चीज है, जिसके कारण छात्र आकर्षित हो रहे हैं, तो इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वहां उचित शिक्षा की फीस बहुत कम है और न केवल शिक्षा की, बल्कि शिक्षा के बाद काम करने के लिए परमिट भी वहां आसानी से मिल जाता है। खास बात यह है कि अगर आप जर्मनी में शिक्षा लेना चाहते हैं, तो आप बेहतरीन स्कॉलरशिप भी पा सकते हैं।
आइए जानते हैं कुछ स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स के बारे में...
एचडब्ल्यूके फैलोशिप
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है और यह एक प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप मानी जाती है। अगर आप एक काबिल वैज्ञानिक हैं, तो फेलोशिप प्रोजेक्ट के बेसिस पर जर्मनी में स्टडी के लिए रेग्युलर फैलोशिप और जूनियर फैलोशिप 3 और 10 महीने के लिए प्रदान की जाती है। जाहिर तौर पर यह एक आकर्षक फैलोशिप है, जो ब्राइट स्टूडेंट्स के लिए काफी मददगार साबित होती है।
यूं भी विज्ञान के प्रयोगों में काफी धन की आवश्यकता होती है और इसीलिए इस स्कॉलरशिप प्रोग्राम को काफी हाईलाइट किया जाता है।
मैनहीम यूनिवर्सिटी डॉचलैंड स्कॉलरशिप
इस स्कॉलरशिप का नाम तो आपने सुना ही होगा। अगर आप बेहतरीन मेरिट पाते हैं, तो ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए आप इस स्कॉलरशिप हेतु आवेदन कर सकते हैं। ₹24000 प्रत्येक महीने आपको स्कॉलरशिप के तौर पर दिए जाते हैं जो कि एक काफी आकर्षक स्कॉलरशिप मानी जा सकती है। विदेशों में अगर आपको इतनी रकम पढ़ाई के लिए मिलती है, वह भी प्रत्येक महीने तो वह आपकी शिक्षा में निश्चित तौर पर मददगार साबित होगी।
इसे भी पढ़ें: बागवानी से है प्यार तो बनाएं हार्टिकल्चर में कॅरियर
जीएसएलएस फेलोशिप, विर्जवर्ग यूनिवर्सिटी, जर्मनी
हम बोल रिसर्च ट्रैक स्कॉलरशिप स्कॉलरशिप पीएचडी की पढ़ाई करने वालों के लिए है चाहे इस्ट्रीम जो भी हो अगर आप मास्टर डिग्री ले चुके हैं इस स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं तकरीबन 6 महीने तक ₹63000 तक आपको मिल सकते हैं ₹32000 प्रत्येक महीने चुने हुए हैं स्कॉलर के बच्चों के लिए खर्च दिए जाते हैं तो जाहिर तौर पर आप को लाभ पहुंचा सकता है
जीएसएलएस फैलोशिप
विर्जवर्ग यूनिवर्सिटी, 3 सालों के लिए पीएचडी फेलोज को यह स्कालरशिप देती है। खास बात यह है कि इसमें आपको लाइफ साइंस के किसी भी सब्जेक्ट में डिग्री लेनी होती है। इस फेलोशिप में प्रत्येक वर्ष ₹4 लाख रिसर्च से सम्बंधित खर्च, यात्रा आदि पर खर्च किए जाते हैं।
साइंस और इंजीनियरिंग में डीएएडी इंटर्नशिप
इंटर्नशिप में करंट में चल रहे रिसर्च और भिन्न परियोजनाओं के हिस्से के तौर पर डॉक्टोरल स्टूडेंट्स, प्रोफ़ेसर या साइंटिस्ट के साथ काम करने का मौका इसमें मिलता है। गणित, विज्ञान या फिर इंजीनियरिंग के स्टूडेंट अंतिम वर्ष में या उससे पहले भी इंटरव्यू के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें ट्रैवल एलाउंस के लिए आपको प्रत्येक महीने ₹50 हज़ार तक मिल जाते हैं, जो कि पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट के लिए सफिशिएंट माने जा सकते हैं।
बोहरिंगर इंगेलहिम फोंड्स पीएचडी फेलोशिप
भारत के बेहद जूनियर साइंटिस्ट इस स्कॉलरशिप का फायदा उठा सकते हैं। वे जर्मनी के हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट में पीएचडी कर सकते हैं। दाखिला लेने के बाद, स्कॉलरशिप के तहत साइंटिफिक रिसर्च और लाइव फील्ड एक्सपेरिमेंट के लिए इसमें फंड प्रोवाइड किया जा सकता है। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि मासिक भत्ते के रूप में तकरीबन 1.2 लाख रुपया दिया जाता है तो ₹12000 रिसर्च एंड डेवलपमेंट भत्ता के तौर पर। इसके अलावा भी दूसरे भत्ते इसमें शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: लैपटॉप रिपेयरिंग सीखकर बनाएं अपना उज्ज्वल भविष्य
आइंस्टाइन फैलोशिप जर्मनी
आइंस्टाइन फोरम टाइमर एंड डैमर ऐंड बेंज फाउंडेशन भारत के ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंस अथवा नेचुरल साइंसेज के छात्रों को यह फेलोशिप प्रोवाइड करता है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टीन के नाम पर शुरू की गयी इस फेलोशिप का मतलब बेहतर प्रतिभाओं को सामने लाना है।
तो क्या सोचा आपने?
जर्मनी में जाना और वहां पढ़ाई के साथ-साथ फेलोशिप हासिल करना कितना बेहतर है?
- मिथिलेश कुमार सिंह
अन्य न्यूज़