Neet UG Counseling: जुलाई से शुरू होगी नीट यूजी की काउंसलिंग, एडमिशन से पहले इनसे रहें सतर्क

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इस साल नीट की परीक्षा 20 लाख 38 हजार छात्रों ने दी है। जिनमें से कुल 11 लाख 45 हजार छात्रों ने नीट क्वालिफाई किया है। सरकारी और प्राइवेट दोनों ही मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग के माध्यम से एडमिशन लिया जाएगा।

इस साल नीट की परीक्षा 20 लाख 38 हजार छात्रों ने दी है। जिनमें से कुल 11 लाख 45 हजार छात्रों ने नीट क्वालिफाई किया है। वहीं मध्यप्रदेश से 1,02,161 छात्र इस परीक्षा में बैठे थे और 49, 924 छात्रों ने इसे क्वालिफाई किया है। अब यदि इन छात्रों की काउंसलिंग अच्छी हुई तो इनकी च्वॉइस के अनुसार कॉलेज मिलने की संभावना है। बता दें कि साल 2022 में 55,561 छात्रों ने नीट की परीक्षा दी थी। इनमें में साल 2022 में महज 27,134 बच्चे क्वालिफाई हुए थे। उस तरह से इस साल क्वालिफाई छात्रों की संख्या ज्यादा है।

काउंसलिंग के द्वारा एडमिशन

सरकारी और प्राइवेट दोनों ही मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग के माध्यम से एडमिशन लिया जाएगा। यदि कोई बिना काउंसलिंग के एडमिशन दिलवाने का दावा करता है, तो स्टूडेंट्स को ऐसे झांसे में आने से बचना चाहिए। बता दें कि काउंसलिंग के दो राउंड्स होते हैं। सबसे पहले छात्रों को ऑल इंडिया काउंसलिंग के लिए अप्लाई करना होता है। वहीं पहले राउंड में जो सीटें खाली रह जाती है, उनके लिए दूसरी लिस्ट निकलती है। 

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बता दें कि ऑल इंडिया फर्स्ट राउंड के बाद स्टेट का फर्स्ट राउंड होता है। इसी तरह से सेकेंड राउंड भी होता है। जिन छात्रों को फर्स्ट राउंड में अच्छा कॉलेज नहीं मिल पाता है। वह अपग्रेडेशन के लिए सेकेंड राउंड में अप्लाई कर सकते हैं। 

MBBS सीटें

सरकारी कॉलेज- 60 हजार सीटें

प्राइवेट कॉलेज- 60 हजार सीटें

टोटल सीट- 1 लाख 20 हजार

इसके अलावा स्टेट कॉलेजों की 100 सीटों में 85 सीटें राज्य के लिए और बाकी बची 15 सीटें ऑल इंडिया कोटे की होती हैं। दोनों के काउंसलिंग की प्रक्रिया अलग-अलग है।

विदेश में मेडिकल पढ़ाई

कुछ एजेंट छात्रों को विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई का झांसा देते हैं। ऐसे में छात्रों को इन एजेंट से बचकर रहना चाहिए। क्योंकि विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करके वापस देश आने के बाद प्रैक्टिकल में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसके साथ ही कम से कम में फीस 20-25 लाख सालाना होने के साथ पूरी पढ़ाई के लिए 1 करोड़ तक का खर्च आता है। वहीं देश में वापस आने पर पीजी में एडमिशन लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा प्रैक्टिस के लिए भी स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद लाइसेंस मिलता है। साथ ही रूस और ईस्टर्न यूरोपियन देशों कजाकिस्तान, यूक्रेन में तो और भी ज्यादा संकट है।

जुलाई में होगी नीट काउंसलिंग

मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए नीट यूजी की काउंसलिंग जुलाई में होगी। जिसके लिए आपको ऑफिशियल वेबसाइट mcc.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसकी काउंसलिंग दो लेवल पर की जाएगी। इससे ऑल इंडिया कोटा की 15 फीसदी सीटों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और एएफएमसी की सीटों में दाखिला मिलेगा।

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

सरकारी संस्थानों में जहां शुल्क कम है, तो वहीं प्राइवेट कॉलेजों में फीस ज्यादा है। वहीं कई स्टूडेंट्स अगले साल नंबर लाने की उम्मीद में और सरकारी कॉलेज के लिए अपनी सीट छोड़ दें। या फिर छात्र प्राइवेट कॉलेज के झांसे में आ जाते हैं। ऐसे में धोखाधड़ी से बचने के लिए नीट गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। अगर आपको नीट में दो प्रयासों के बारे बाद भी सरकारी कॉलेज नहीं मिल रही या रैंक नहीं मिल रही। तो आगे साल ड्राप करने का कोई फायदा नहीं है। इसके अलावा नीट यूजी 2023 के एग्जाम में MNC ने आयुसीमा और टाई ब्रेकिंग नियमों में बदलाव किए गए हैं। छात्रों की उम्र 31 जनवरी को या उससे पहले 17 साल की होनी चाहिए।

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