ITR File करने से आप भी चूक गए, जानें अब कितना देना पड़ेगा जुर्माना

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अब जिन करदाताओं ने अंतिम तारीख तक इनकम टैक्स नहीं भरा है तो उन्हें दंड के रूप में अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। कर विभाग के अनुसार, करदाताओं को 31 दिसंबर 2024 तक विलंबित रिटर्न दाखिल करते समय ऐसा करना होगा।

इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 थी जो कि निकल चुकी है। अंतिम तारीख निकलने तक भी लोगों को उम्मीद था कि इनकम टैक्स विभाग समय सीमा को बढ़ा सकता है। हालांकि इनकम टैक्स विभाग ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की। ऐसे में कई लोग इनकम टैक्स भरने से चूक गए।

अब जिन करदाताओं ने अंतिम तारीख तक इनकम टैक्स नहीं भरा है तो उन्हें दंड के रूप में अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। कर विभाग के अनुसार, करदाताओं को 31 दिसंबर 2024 तक विलंबित रिटर्न दाखिल करते समय ऐसा करना होगा। आयकर अधिनियम की धारा 139 (4) के अनुसार, 31 जुलाई की समय सीमा के बाद दाखिल आयकर रिटर्न (आईटीआर) को विलंबित रिटर्न कहा जाता है।

आईटीआर की समय सीमा चूकने पर लगता है ये जुर्माना

आपकी आय के स्तर के आधार पर आपको आईटीआर देर से दाखिल करने पर ये दंड चुकाने होंगे। वित्त वर्ष 24 के लिए 5 लाख रुपये से अधिक की शुद्ध कर योग्य आय वाले करदाता 5,000 रुपये तक का विलंबित कर रिटर्न जुर्माना दाखिल कर सकते हैं। जिनकी शुद्ध कर योग्य आय वित्तीय वर्ष के लिए 5 लाख रुपये से कम है, उनके लिए विलंबित ITR पर जुर्माना 1,000 रुपये तक सीमित है।

क्या होता है जब कोई व्यक्ति समय पर आईटीआर दाखिल नहीं करता?

देरी से आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माने के अलावा आयकरदाताओं को कुछ लाभ और विशेषाधिकार भी खोने पड़ेंगे। आयकरदाताओं के पास नई और पुरानी कर व्यवस्थाओं के आधार पर कर दाखिल करने का विकल्प है, लेकिन समय सीमा के भीतर आईटीआर दाखिल करने में विफल रहने पर करदाता इस विकल्प से वंचित हो जाएंगे। समय सीमा के बाद आईटीआर दाखिल करने से व्यक्ति को निवेश साधनों से हुए नुकसान को आगे नहीं ले जाने दिया जाता है।

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