बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को आधुनिक यातायात प्रबंधन प्रणाली से लैस करेगी उत्तर प्रदेश सरकार

Bundelkhand Expressway
प्रतिरूप फोटो
ANI

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के एक्सप्रेसवे मार्गों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। एक्सप्रेसवे को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने से यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा हो रहा है वहीं प्रदेश में लॉजिस्टिक्स संबंधी आवागमन को भी सुरक्षित निगरानी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में सुधार हुआ है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के एक्सप्रेसवे मार्गों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। एक्सप्रेसवे को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने से यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा हो रहा है वहीं प्रदेश में लॉजिस्टिक्स संबंधी आवागमन को भी सुरक्षित निगरानी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में सुधार हुआ है। इस क्रम में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी और इसे क्रियान्वित करते हुए अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को आधुनिक यातायरात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 

मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इस प्रक्रिया को क्रियान्वित करते हुए पात्रता के लिए अनुरोध(आरएफक्यू) व अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) के माध्यम से आवेदन मांगे हैं। बयान के मुताबिक, बुंदलखंड एक्सप्रेसवे को आईटीएमएस अनुकूल बनाने के लिए जो कार्ययोजना तैयार की गई है उसके अनुसार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर यातायात प्रबंधन कमांड केंद्र की स्थापना होगी। इसके जरिये यातायात निगरानी व प्रबंधन प्रक्रिया को बल मिलेगा। यातायात प्रबंधन नियंत्रण (टीएमसी) यूनिट को 360 टेराबाइट रिकॉर्डिंग सर्वर स्टोरेज से युक्त किया जाएगा। 

बैकअप रिकॉर्डिंग के लिए भी 240 टेराबाइट की रिकॉर्डिंग स्टोरेज सर्वर युक्त होगा। टीएमसी यूनिट को फैसिलिटी मॉनिटरिंग सिस्टम कंट्रोलर, ग्राफिक डिस्पले, इंटरनेट व एसएमएस सर्वर, फाइबर चैनल होस्ट व यूएसबी जॉयस्टिक कंट्रोल्ड पीटीजेड कैमरों से युक्त किया जाएगा। इमरजेंसी टेलिफोन हेल्पलाइन कंसोल, स्टाफ के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर मशीन, सर्ज प्रोटेक्शन डिवाइस, लाइटनिंग प्रोटेक्शन यूनिट, एडवांस्ड ड्राइवर एडवायजरी सिस्टम, जीपीएस ट्रैकर समेत 890 कैमरों के संचालन के लिए वीएएमस लाइसेंस से युक्त किया जाएगा। 

मौजूदा प्रक्रिया में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को एटीएमएस अनुकूल बनाने के लिए अलग-अलग 50 स्थलों पर 150 वीआईडीएस आधारित कैमरे स्थापित किए जाएंगे। यह कैमरे विशिष्ट होंगे और सौर ऊर्जा से चलने के साथ ही इनकी एक चार्ज में 96 घंटे तक की परिचालन की क्षमता होगी। योजना के अंतर्गत सीसीटीवी कंट्रोलर युक्त पीटीजेड कैमरों को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर लगाया जाएगा। बयान में कहा गया कि मोशन डिटेक्शन सर्विलांस कैमरा व व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ लगाया जाएगा। इससे, तेज गति से चलने वाली गाड़ियों के विषय में अलर्ट जारी हो सकेगा और कंट्रोल रूम द्वारा इसे तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा। 

इस क्रम में, 90 मीटर रेंज के स्पीड डिटेक्शन रडार भी प्रभावी सिद्ध होंगे जिनकी लगाने की प्रक्रिया भी साथ ही में पूर्ण की जाएगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को एटीएमएस युक्त बनाने के लिए यूपीडा ने पात्रता के लिए अनुरोध (आरएफक्यू) व अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया के जरिये नियुक्त होने वाली एजेंसी द्वारा ही इन सभी कार्यों को यूपीडा के अधिकारियों की देखरेख में पूरा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यूपीडा द्वारा पांच वर्षों की कार्यावधि के लिए कार्य आवंटित होगा और चयनित एजेंसी को इन सभी उपकरणों की खरीद, उन्हें लगाने, परिचालन व रखरखाव का काम करना होगा। इसके अतिरिक्त यूपीडा के कर्मचारियों को इसके संचालन के लिए प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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