टाटा पावर-DDL का दिल्ली में स्मार्टग्रिड पायलट के लिए यूरोपीय कंपनियों से गठजोड़
इस परियोजना के इस साल मई में शुरू होने की उम्मीद है। यह अक्टूबर, 2022 तक पूरी होगी। सामान्य रूप से समझा जाए तो यह माइक्रोग्रिड किसी विशेष क्षेत्र के लिए बिजली आपूर्ति का अलग हिस्सा होगा।
नयी दिल्ली। टाटा पावर-डीडीएल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक मेगावॉट की स्मार्ट ग्रिड प्रदर्शन परियोजना के क्रियान्वयन के लिए यूरोपीय कंपनियों एनिडिस, श्नाइडर इलेक्ट्रिक और वासाईटीटी से हाथ मिलाया है। यह परियोजना मुख्य ग्रिड में ‘ब्लैकआउट’ की स्थिति में भी बंद नहीं होगी। यह माइक्रोग्रिड विशेष क्षेत्र की जरूरत हो पूरा करेगी, जिसे मुख्य ग्रिड से जोड़ा जाएगा या यह दूरदराज के इलाके में होगी। यह अक्षय ऊर्जा उत्पादन के भंडार और आपूर्ति में मदद करेगी।
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इस परियोजना के इस साल मई में शुरू होने की उम्मीद है। यह अक्टूबर, 2022 तक पूरी होगी। सामान्य रूप से समझा जाए तो यह माइक्रोग्रिड किसी विशेष क्षेत्र के लिए बिजली आपूर्ति का अलग हिस्सा होगा। वर्ष 2012 में ग्रिड फेल होने के बाद सरकार दिल्ली के लिए इस तरह की परियोजना पर काम कर रही है।
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टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर-डीडीएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार बंगा ने पीटीआई भाषा से कहा कि यह प्रदर्शन के आधार पर तैयार की जा र ही परियोजना करीब 1,000 परिवारों के लिए होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का क्रियान्वयन या तो दिल्ली के सिविल लाइंस या पीतमपुरा क्षेत्र में किया जाएगा। मुख्य रूप से इस परियोजना का मकसद अक्षय ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल करना है।
TPDDL Collaborates with Enedis, Schneider Electric, Odit-e & VaasaETT to Implement Smart Grid Demonstrator. The project will lead to maximization of local consumption of Renewable Energy; support Demand Side Management & N-1 Supply through islanding capability of microgrid. pic.twitter.com/dyDyuDMCFb
— Tata Power - DDL (@tatapower_ddl) March 15, 2019
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