लगातार गिर रहा है शेयर बाजार, जानें क्या है इस गिरावट के पीछे कारण
भारतीय शेयर बाजार की बात की जाए तो निफ्टी 50 इंडेक्स 19,521 पर गिरावट के साथ खुला था। सोमवार के सौदों के दौरान 19,404 के निचले स्तर पर पहुंच गया, लगातार चार सत्रों में 400 अंक से अधिक की गिरावट हुई।
इजराइल-हमास के बीच युद्ध लगातार 17 दिनों से जारी है। दोनों देशों के बीच जारी इस युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार पर भी असर देखने को मिला है। इस युद्ध के कारण भारतीय शेयर बाजार पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। भारतीय शेयर बाजार लगातार चौथे सत्र में मंदी की चपेट में आया हुआ है।
भारतीय शेयर बाजार की बात की जाए तो निफ्टी 50 इंडेक्स 19,521 पर गिरावट के साथ खुला था। सोमवार के सौदों के दौरान 19,404 के निचले स्तर पर पहुंच गया, लगातार चार सत्रों में 400 अंक से अधिक की गिरावट हुई। एनएसई निफ्टी के अलावा अगर बीएसई सेंसेक्स की बात की जाए तो सोमवार को सेंसेक्स 65,419 के स्तर पर खुला। इसके बाद सेंसेक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली और पिछले चार सत्रों में 1400 अंक से अधिक की गिरावट के साथ 65,022 के निचले स्तर पर पहुंच गया। बैंक निफ्टी इंडेक्स सोमवार को 43,822 के स्तर पर खुला और पिछले चार दिनों में लगभग 825 अंक की गिरावट के साथ 43,583 के निचले स्तर पर पहुंच गया।
शेयर बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इजराइल-हमास युद्ध 17 दिनों से जारी है। एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली, कच्चे तेल में बढ़ोतरी से महंगाई का दबाव, मजबूत डॉलर और बाजार अनुमान से कम दूसरी तिमाही के नतीजे मूल रूप स भारतीय शेयर बाजार में आए खिंचाव के मुख्य कारण है।
इजराइल-हमास युद्ध
"इजरायल हमास युद्ध ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी है क्योंकि मध्य पूर्व तनाव 15 दिनों से अधिक समय से जारी है जिसका जल्द ही समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। केजरीवाल रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अरुण केजरीवाल ने कहा, इस भूराजनीतिक अनिश्चितता ने इक्विटी पर दबाव डाला है और इसलिए भारतीय शेयर बाजार पिछले चार दिनों से दबाव में है।
मजबूत अमेरिकी डॉलर
"इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बाद भी अमेरिकी डॉलर सूचकांक पिछले एक सप्ताह से 106 से ऊपर बना हुआ है। यह ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर यूएस फेड के नरम रुख के बावजूद है। इस कारण भी भारतीय शेयर बाजारों में तनाव महसूस हो रहा है।
महंगाई की चिंता
अविनाश गोरक्षकर ने आगे कहा कि इज़राइल-हमास युद्ध के फैलने के दौरान, कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इससे सरकारी खजाने पर दबाव पड़ने की उम्मीद है क्योंकि यह अपनी तेल मांग का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। इसलिए, लंबे समय तक इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बाद मुद्रास्फीति में वृद्धि एक प्रमुख चिंता का विषय है।
एफआईआई की बिकवाली
एफआईआई भारतीय इक्विटी बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। देखा गया है कि बीते कुछ सप्ताह के दौरान अमेरिकी डॉलर में बढ़ोतरी हुई है। ऐसी स्थिति में वो अपना पैसा उभरते बाजार से अन्य जगह जैसे सोना, बांड, मुद्रा इत्यादि में ट्रांसफर कर सकते हैं।
2023 की दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से कम रहे
"अभी तक प्रमुख भारतीय कंपनियों ने जिस तरह के नतीजे घोषित किए हैं, उससे बाजार खुश नहीं दिख रहा है। हमने पिछले हफ्ते आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के अच्छे नतीजे देखे थे, जो अभी तक स्टॉक खरीद ब्याज में परिवर्तित नहीं हुए हैं। डीमार्ट जैसी कुछ बड़ी कंपनियां अविनाश गोरक्षकर ने कहा, "हमने कमजोर तिमाही आंकड़े पेश किए हैं। इसलिए, भारतीय कंपनियों ने दूसरी तिमाही के आंकड़े पेश किए हैं जो बाजार की उम्मीदों से कम लगते हैं।"
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