Sony-Zee Merger पर लग गया ब्रेक, इन आरोपों के कारण जापानी कंपनी ने तोड़ी डील

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रितिका कमठान । Jan 30 2024 4:35PM

वहीं जी ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी ओर से किसी तरह की शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है। वहीं ये टर्मिनेशन सोनी की तरफ से गलत इरादे से किया गया है। इसके पीछे लीगल कारण भी है।

सोनी ग्रुप और जी एंटरटेंमेंट के बीच बड़ी डील होने वाली थी, जो की रद्द हो गई है। अब जी और सोनी के बीच किसी तरह का मर्जर नहीं किया जाएगा। इस डील के रद्द होने से जी एंटरटेनमेंट को बड़ा झटका लगा है। ये 10 बिलियन डॉलर की डील होने वाली थी, जो कि अब रद्द हो गई है। इस मर्जर के टूटने के बाद जी कंपनी के शेयरों में भी 30 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी।

वहीं डील रद्द करने के बाद जापानी कंपनी सोनी ने डील ना करने के पीछे के कारण भी साझा किए है। कंपनी ने अपने कारणों का खुलासा किया है, जिनके कारण डील करने का फैसला बदलना पड़ा है। सोनी ग्रुप की मानें तो जी एंटरटेनमेंट की ओर से दोनों कंपनियों के बीच तय किए गए वित्तीय शर्तों का पालन नहीं किया गया था।

शुरुआत में मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर अंदाजा लगाया गया था कि ये मर्जर टूटने का मुख्य कारण जी एंटरटेनमेंट के सीईओ पुनीत गोयनका है। उनके नेतृत्व से सोनी खुश नहीं था, मगर अब कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं है। 

बता दें कि मर्जर के रद्द होने के साथ ही सोनी ग्रुप ने जी एंटरटेनमेंट को नोटिस भी भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि ये डील तय समय में पूरी नहीं हो सकी है। इस डील को पूरा करने के लिए कई वित्तीय सीमाओं का पालन करना था जो नहीं किया गया है। सोनी ने 62 पन्नों का नोटिस भेजा है, जिसमें विलय के समझौतों से संबंधित कई शर्तों का भी उल्लंघन किया गया है। इन बदलावों को सुधारना संभव नहीं है। सोनी ग्रुप ने कहा कि इसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है।

वहीं जी ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी ओर से किसी तरह की शर्त का उल्लंघन नहीं किया गया है। वहीं ये टर्मिनेशन सोनी की तरफ से गलत इरादे से किया गया है। इसके पीछे लीगल कारण भी है। बता दें कि डील रद्द होने के बाद जी एंटरटेनमेंट ने भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के समक्ष याचिका दर्ज की है। 

इस मामले पर जी के मानद अध्यक्ष सुभाष चंद्रा ने भी काफी नाराजदी जताई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सोनी के खिलाफ कंपनी क्रिमिनल केस करने पर भी विचार कर रही है। सोनी की जो मंशा है उस पर भी सवाल खड़े किए गए है। बता दें कि सुभाष चंद्रा ने कंपनी के सीईओ पुनीत गोयनका को लेकर कहा कि वो सोनी की मांग के अनुसार अपना पद छोड़ने के लिए तैयार थे मगर फिर भी सोनी ने अंतिम समय में अपने हाथ इस डील से पीछे कर लिए है। 

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