घट रही है कच्छों की बिक्री! क्या लोगों ने कम कर दिया अंडरवियर पहनना? Jockey, Rupa, Dollar को लग रहा तगड़ा घाटा

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रेनू तिवारी । Sep 16 2023 6:16PM

फैशनेबल कपड़ों की बिक्री बढ़ गई है। अंडरवियर की बिक्री में कमी आई है। लड़के, महिलाएं और पुरुष सभी कैटेगरी में इस तरह की बात सामने आने से कंपनियां डरी हुई हैं। अर्थशास्त्रियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, वे निश्चित रूप से जानते हैं कि यदि अर्थशास्त्र के नियमों के अनुसार लिपस्टिक और अंडरवियर की बिक्री कम हो जाती है।

लॉकडाउन के बाद बाजार में भीड़ नहीं लौटी। सब खबराए हुए थे कि आखिर अब सब कुछ नॉर्मल कैसे होगा। अब लॉकडाउन को खत्म हुए काफी समय हो गया है। बाजार नॉर्मल हो चुके हैं। त्यौहारो पर खूब खरीदारी हो रही है लोग खूब कपड़े खरीद रहे हैं लेकिन एक चीज है जो लोगों का ध्यान खींच रही है। इस समय त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है। अगले दो महीने तक भारत में त्योहारों की धूम रहेगी। इस दौरान देश के बाजारों में करोड़ों का कारोबार हुआ। खूब खरीद-फरोख्त हुई। भारतीय नागरिक पार्टी वियर, फॉर्मल और अन्य कपड़ों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि देश के नागरिक अंडरवियर और इनरवियर कम खरीद रहे हैं। इसलिए इस सेक्टर में जॉकी, डॉलर और रूपा जैसे ब्रांडों की बिक्री गिर गई है। त्योहारी सीजन में फैशनेबल कपड़ों की बिक्री बढ़ गई है। वहीं अंडरवियर की बिक्री में कमी आई है। लड़के, महिलाएं और पुरुष सभी कैटेगरी में इस तरह की बात सामने आने से कंपनियां डरी हुई हैं। लेकिन अर्थशास्त्रियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, क्योंकि वे निश्चित रूप से जानते हैं कि यदि अर्थशास्त्र के नियमों के अनुसार लिपस्टिक और अंडरवियर की बिक्री कम हो जाती है तो क्या होगा।

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क्यों घटी खरीदारी?

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में महंगाई बढ़ने के कारण नागरिक केवल जरूरी सामान खरीदने पर ही पैसा खर्च कर रहे हैं। इसलिए अंडरवियर और इनरवियर की खरीदारी को नजरअंदाज कर दिया जाता है। पिछली तिमाही से दिसंबर 2022 तक अंडरवियर की खपत में 55 प्रतिशत की गिरावट आई है। जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में जॉकी का कुल राजस्व 28% और समग्र वृद्धि 31% बढ़ी। साल-दर-साल आधार पर अंडरवियर की खरीदारी में थोड़ी गिरावट आई है। पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में राजस्व में 7.5% और मात्रा में 11.5% की गिरावट आई है।

कोई पैसा नहीं बचा है

इस समय भारत में महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है। सब्जियां, दालें, चीनी, गेहूं से लेकर चावल तक सबकुछ महंगा हो गया है. ऐसे में रसोई का बजट बढ़ गया है. महंगाई के कारण लोग अपना पैसा केवल घरेलू खर्च चलाने पर ही खर्च कर रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग पर भारी छूट मिलने के कारण नागरिकों ने अपना रुख उधर कर लिया है।

इन कंपनियों की बिक्री में गिरावट

जॉकी और लक्स इंडस्ट्रीज की मूल कंपनी पेज इंडस्ट्रीज की दिसंबर 2022 की अंतिम तिमाही में बिक्री में गिरावट देखी गई। रूपा कंपनी में 52 फीसदी गिरावट की बात कही जा रही है. पिछले डेढ़ साल में रूपा के शेयर में 52 फीसदी की गिरावट आई है. पेज इंडस्ट्रीज की मात्रा में 11 प्रतिशत और शेयर मूल्य में 5 प्रतिशत की गिरावट आई।

बाज़ार कितना बड़ा है?

यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के मुताबिक, भारत में इनरवियर मार्केट 5.8 अरब डॉलर यानी 48,123 करोड़ रुपये का है। पुरुष और महिला वर्ग में इनरवियर का प्रतिशत क्रमशः 39% और 61% है। लेकिन अब बिक्री घटने से कंपनियां चिंतित हैं।

मंदी के निशानों का पता लगाया जा सकता है

मंदी के कुछ संकेत माने जा रहे हैं। मंदी का पता लिपस्टिक और अंडरवियर से लगाया जा सकता है, मंदी के दौरान लिपस्टिक ज्यादा बिकती है। एक विशेषज्ञ लियोनार्ड लॉडर ने इस सिद्धांत की खोज की। इसलिए अंडरवियर की बिक्री कम हो जाती है। इस सूचकांक का आविष्कार एलन ग्रीनस्पैन ने 1970 के दशक में किया था।

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