RBI का बड़ा फैसला, रेपो रेट में कर दी कटौती, गवर्नर संजय मल्होत्रा के ऐलान से EMI का बोझ होगा कम

एमपीसी की यह बैठक वैश्विक आर्थिक मंदी की बढ़ती आशंकाओं के बीच हो रही है, जिसमें अमेरिकी संरक्षणवादी उपायों का असर भारत सहित उभरते बाजारों पर पड़ रहा है। फरवरी में अपनी अंतिम नीति समीक्षा में आरबीआई ने बेंचमार्क रेपो दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% कर दिया था।
कुछ दिन पूर्व ही अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से बढ़ते वैश्विक व्यापार तनाव के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को वित्त वर्ष 26 के लिए अपना पहला मौद्रिक नीति निर्णय जारी कर चुका है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 7 से 9 अप्रैल तक विचार-विमर्श किया और आज सुबह नीति की घोषणा कर दी है।
यह घोषणा सुबह 10 बजे की गई। इसके बाद मल्होत्रा दोपहर 12 बजे नीति-पश्चात प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। एमपीसी की यह बैठक वैश्विक आर्थिक मंदी की बढ़ती आशंकाओं के बीच हो रही है, जिसमें अमेरिकी संरक्षणवादी उपायों का असर भारत सहित उभरते बाजारों पर पड़ रहा है। फरवरी में अपनी अंतिम नीति समीक्षा में आरबीआई ने बेंचमार्क रेपो दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% कर दिया था, जो लगभग पांच वर्षों में पहली कटौती थी। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है।
आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि नया वित्तीय वर्ष चिंताजनक ढंग से शुरू हुआ है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बेंचमार्क रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6% करने का फैसला किया है। यह आरबीआई की लगातार दूसरी रेपो दर में कटौती है। फरवरी में अपनी पिछली नीति समीक्षा में आरबीआई ने बेंचमार्क रेपो दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% कर दिया था, जो लगभग पांच वर्षों में पहली बार कटौती थी।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, "मुद्रास्फीति के मोर्चे पर, खाद्य कीमतों में अपेक्षा से अधिक गिरावट ने हमें राहत दी है, लेकिन हम वैश्विक अनिश्चितता और मौसम संबंधी व्यवधानों से होने वाले संभावित जोखिमों के प्रति सतर्क बने हुए हैं।"
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी ने अपने नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ से बदलकर ‘समायोज्य’ करने का निर्णय लिया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण एमपीसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.7% (फरवरी में घोषित) से घटाकर 6.5% कर दिया है। आरबीआई ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6% कर दिया है, जिससे ऋण ईएमआई में संभावित कमी के साथ उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी।
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