Ratan Tata Net Worth: रतन टाटा के पास थी इतनी संपत्ति, जानकर नहीं कर सकेंगे यकीन

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रितिका कमठान । Oct 10 2024 4:43PM

सात अक्टूबर को ही रतन टाटा ने बयान जारी कर कहा था कि उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर वो इलाज करवा रहे है। हालांकि इस बयान के जारी होने के दो ही दिन के बाद उनका निधन हो गया।

देश के दिग्गज अरबपति रतन टाटा का बुधवार नौ अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। लो ब्लड पेशर के कारण रतन टाटा को हाइपरटेंशन थी। उनके शरीर ने इस कारण काम करना बंद कर दिया था। रतन टाटा को सात अक्टूबर को भी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद उन्होंने खुद बयान जारी कर बताया था कि उनकी सेहत ठीक है।

बता दें कि सात अक्टूबर को ही रतन टाटा ने बयान जारी कर कहा था कि उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर वो इलाज करवा रहे है। हालांकि इस बयान के जारी होने के दो ही दिन के बाद उनका निधन हो गया। आइए जानते हैं कि रतन टाटा के पास कितनी संपत्ति थी।

 

जानें रतन टाटा की संपत्ति के बारे में

टाटा ट्रस्ट के अनुसार रतन टाटा हमेशा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण विकास और आपदा राहत में योगदान देते रहे है। वर्ष 1991 में उन्होंने टाटा ग्रुप की कमान अपने हाथ में ली थी। रतन टाटा कंपनी के चेयरमैन वर्ष 2012 तक बने रहे थे। उन्होंने टाटा को हर घर में पहुंचाने का काम किया था। रसोई घर से लेकर आलीशान गाड़ियों यहां तक की हवाई जहाज तक में टाटा ग्रुप का वर्चस्व है। रतन टाटा की कुल संपत्ति की बात करें तो वर्ष 2022 के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 3800 करोड़ रुपये थी। हुरुन इंडिया की सबसे अमीर लोगों की सूची में वो 421वें स्थान पर थे।

 

दान में जाता था आय का हिस्सा

टाटा ग्रुप के पास 100 से अधिक लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियां है। टाटा का कुल कारोबार लगभग 300 अरब डॉलर का है। रतन टाटा की खासियत रही की वो अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा दान में देते थे। टाटा ग्रुप की अगुवाई करते हुए रतन टाटा ने अपने उद्योग को देश और दुनिया में अलग पहचान दिलवाई है।

 

संत की तरह रहे रतन टाटा

दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा अपनी शालीनता और सादगी के लिए मशहूर थे लेकिन वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। वह 30 से ज्यादा कंपनियों के कर्ताधर्ता थे जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं लेकिन उन्होंने अपना जीवन एक संत की तरह जीया।

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