पंजाब अपने किसानों को एमएसपी से कम कीमत पर मूंग बेचने के लिए मुआवजा देगा

Bhagwant Mann
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मान ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में वित्त विभाग को निर्देश दे दिए हैं। मान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में मूंग की फसल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं।’’

चंडीगढ़| पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मूंग की खेती करने वाले किसानों को राहत देते हुए शनिवार को घोषणा की कि उनकी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर मूंग बेचने वाले किसानों को मुआवजा के बतौर 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक का भुगतान करेगी। यह घोषणा इन खबरों के बाद हुई कि मूंग (हरा चना) न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,275 रुपये प्रति क्विंटल से कम दर पर बेचा जा रहा है।

मान ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में वित्त विभाग को निर्देश दे दिए हैं। मान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में मूंग की फसल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं।’’

मान ने कहा कि अगर किसी किसान ने फसल को 7,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा तो राज्य सरकार उसे 275 रुपये देगी और फसल 6,500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेची गई, 775 रुपये के अंतर का भुगतान सरकार करेगी। मान ने कहा कि अगर किसी किसान ने फसल को 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा तो उसे 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाएगा।

मंत्री ने आगे कहा कि वह पहले ही क्षतिग्रस्त मूंग फसल की खरीद के लिए मौजूदा विनिर्देशों में छूट को मंजूरी दे चुके हैं। मान ने बाद में एक बयान में कहा कि वर्ष 2021-22 में मंडियों में कुल 2.98 लाख क्विंटल मूंग की आवक हुई और इस साल इस फसल की आवक चार लाख क्विंटल होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल 1.25 लाख एकड़ जमीन में मूंग बोई गई है। इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने आप सरकार से कहा कि वह राज्य की मंडियों में आने वाली पूरी मूंग की फसल को एमएसपी पर खरीद ले और किसानों को 10 जुलाई तक निजी कंपनियों को कम दाम पर बेचने में हुए नुकसान की भरपाई करे। बादल ने मुख्यमंत्री पर एमएसपी पर पूरी मूंग की फसल खरीदने के अपने वादे से मुकरकर किसान समुदाय के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।

शिअद प्रमुख ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने मंडियों में आने वाली पूरी फसल का 10 प्रतिशत से भी कम खरीदा है, जबकि मालवा क्षेत्र की मंडियों में मूंग की आवक जारी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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