अमेरिका के लिए परिदृश्य बेहतर, पर वैश्विक वृद्धि दर नरम रहने का अनुमान: International Monetary Fund

International Monetary Fund
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आईएमएफ ने इस साल के लिए अमेरिका को लेकर अपने आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया है, जबकि यूरोप और चीन के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। आईएमएफ ने 2024 में वैश्विक वृद्धि के अपने पिछले अनुमान 3.2 प्रतिशत को बरकरार रखा है। वृद्धि का यह स्तर अपेक्षाकृत नरम है।

वाशिंगटन । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस साल के लिए अमेरिका को लेकर अपने आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया है, जबकि यूरोप और चीन के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। आईएमएफ ने 2024 में वैश्विक वृद्धि के अपने पिछले अनुमान 3.2 प्रतिशत को बरकरार रखा है। वृद्धि का यह स्तर अपेक्षाकृत नरम है। आईएमएफ को उम्मीद है कि दुनिया की सबसे बड़ी अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस साल 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह 2023 के 2.9 प्रतिशत से थोड़ा कम है। हालांकि, जुलाई में 2024 के लिए जताये गये 2.6 प्रतिशत की वृद्धि अनुमान से अधिक है। 

अमेरिका में वृद्धि को मजबूत उपभोक्ता खर्च से समर्थन मिला है। उपभोक्ता खर्च बढ़ने का कारण मुद्रास्फीति से जुड़े पारिश्रमिक का बढ़ना है। हालांकि, मुद्रा कोष ने अगले साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। दुनिया के 190 देशों को वित्तीय सहायता देने वाला मुद्रा कोष आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने और वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए काम करता है। आईएमएफ ने अपने ताजा अनुमान में चीन की आर्थिक वृद्धि इस साल 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। 

यह बीते वर्ष के 5.2 प्रतिशत से कम है। वहीं 2025 में इसके 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आवास बाजार में नरमी और कमजोर उपभोक्ता विश्वास के कारण कुछ नरमी आई है। मजबूत निर्यात से कुछ हद तक समस्याओं पर काबू पाने में मदद मिली है। यूरो मुद्रा साझा करने वाले 20 यूरोपीय देशों में आर्थिक वृद्धि दर इस वर्ष सामूहिक रूप से 0.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह 2023 के 0.4 प्रतिशत के मुकाबले दोगुना है। हालांकि, आईएमएफ ने तीन महीने पहले 0.9 प्रतिशत का जो अनुमान लगाया था, उससे कम है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था, विनिर्माण और रियल एस्टेट में नरमी से प्रभावित है। वहां इस वर्ष वृद्धि की संभावना न के बराबर है। 

आईएमएफ के अनुसार, वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति कम हो रही है और इस साल इसके 5.8 प्रतिशत और अगले साल 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि 2023 में यह 6.7 प्रतिशत रही थी। दुनिया के विकसित देशों में महंगाई दर और भी तेजी से घट रही है। इन देशों में इसके इस साल 2.6 प्रतिशत और अगले साल दो प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले साल 4.6 प्रतिशत था। मुद्रास्फीति की यह दर ज्यादातर प्रमुख केंद्रीय बैंकों के लक्ष्य के अनुरूप है। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ज्यादातर देशों में, मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के लक्ष्य के आसपास है। इसको देखते हुए कहा जा सकता है कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई लगभग जीत ली गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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